लखनऊ। प्रदेश में बालवाटिका से कक्षा दो तक के बच्चों को भाषा और गणित में दक्ष बनाने के लिए निपुण भारत मिशन चलाया जा रहा है। इसके तहत जनवरी से मार्च के बीच में विद्यालयों में निपुण टेस्ट कराया जाएगा। वहीं नोट और सिक्कों की पहचान करने वाले बच्चे गणित में निपुण माने जाएंगे।
निपुण भारत मिशन के तहत शिक्षा को बच्चों के जीवन से जोड़ने की नई पहल की गई है। इसमें बच्चों को सरल और सहज ढंग से प्रक्रिया को रोचक और ज्ञानवर्धक बनाना तय किया है। विद्यालयों में निपुण भारत मिशन पर आधारित शिक्षा नीति और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के तहत शिक्षा मंत्रालय ने निपुण लक्ष्य को निर्धारित किया है।
बच्चों को पढ़ने, लिखने व समझने की क्षमता विकसित की जा रही है। इसके तहत अगर बच्चा एक रुपया से 20 रुपये तक के नोट और सिक्कों की पहचान कर लेता है तो उसे निपुण माना जाएगा। इसी तरह कक्षा दो तक के बच्चों की बुनियादी भाषा और गणितीय दक्षता का आकलन किया जाएगा।
इसमें बच्चा छः से आठ वाक्यों को पढ़कर समझ सके, चार-पांच वाक्यों की छोटी कहानी लिख सके, तथा 99 तक के अंकों को पहचान कर सके।
शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर ही बच्चों को निपुण घोषित किया जाएगा। पिछले साल हुए निपुण आकलन में यह पता चला कि लगभग 60 प्रतिशत बच्चे निपुण लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सके हैं। इस वर्ष विभाग का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक बच्चों को निपुण बनाया जाए ताकि वे आगे की कक्षाओं में सीखने में सक्षम हो सकें। इसके लिए परिषदीय विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

