श्रावस्ती,। कम छात्र संख्या वाले परिषदीय स्कूलों के विलय के आदेश से शिक्षक संगठनों में आक्रोश व्याप्त है। जिसको लेकर शिक्षकों का विरोध लगातार चल रहा है। इसी क्रम में शिक्षक संघ ने गुरुवार को विधायक को ज्ञापन देकर आदेश को निरस्त करने की मांग की। शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि इससे जहां छात्र-छात्राओंके स्कूलों की दूरी अधिक हो जाएगी वहीं सैकड़ों रसोइयों की सेवा समाप्त हो जाएगी।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने प्रांतीय आह्वान पर गुरुवार को संघ के जिलाध्यक्ष विनय पांडेय की अगुवाई में शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन श्रावस्ती विधायक राम फेरन पांडेय सौंपा। जिलाध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश शासन की ओर से प्रदेश में हजारों विद्यालयों को पेयरिंग के नाम पर बन्द किया जा रहा है। 150 सेकम छात्र संख्या वाले प्राथमिक विद्यालय व 100 से कम
छात्र संख्या वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों को प्रधानाध्यापक विहीन करते हुए हजारों प्रधानाध्यापकों को सरप्लस घोषित कर दिया गया है। इस मर्जर प्रक्रिया से जहां छात्रों से विद्यालयों की दूरी अधिक होगी, वहीं हजारों रसोइयों की सेवा समाप्त हो जाएगी। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से सम्बन्धित प्रधानाध्यापकों, ग्राम प्रधान व विद्यालय प्रबन्ध समिति पर दबाव बनाकर विद्यालय बन्द करने के समर्थन में प्रस्ताव मांगे जा रहे हैं। लोकतंत्र में इस प्रकार विद्यालय बन्द करके नौनिहालों की शिक्षा से खिलवाड़ ठीक नहीं है। हजारों प्रधानाध्यापकों के पद व रसोईयों की सेवा समाप्ति करने वाले कठोर निर्णय की कल्पना नहीं की जा सकती है।