बेसिक शिक्षा विभाग को अब दिन ब दिन #प्रयोगशाला बनाया जा रहा है।
नित नए ऐसे आदेश जिसमें हर माह एक नई नीति बन जाती है।।।
जबतक शिक्षक सोचता है कि अब बच्चे सही दिशा में पहुँच गए तत्काल ही एक नई नीति बनकर आ जाती है और पुराने सब ॐ भट्ट स्वाहा।।।
जबसे मैं इस विभाग में आया मेरी जानकारी में 3 ऐसे ही बदलाव हो गए परंतु किसी का भी आउटपुट नही मिल सका।।
हाँ आउटपुट पाने की दिशा में अग्रसर हुए लेकिन तुरंत नई नीति आ जाती है और फिर से वही ढाक के 3 पात।
#अंग्रेजी_माध्यम के विद्यालय बनाये गए और उस पर काफी जोर शोर से काम हुआ कि अब बच्चे फर्राटेदार इंग्लिश बोलेंगे।। मॉडल स्कूल बनाये गए ,शिक्षक रखे गए और शिक्षकों ने काम भी शुरू कर दिया लेकिन कुछ महीनों बाद #मिशन_प्रेरणा आ गया और सब खत्म।।।
मिशन प्रेरणा पर भी काफी काम अच्छा चल रहा था , शिक्षक लक्ष्य की प्राप्ति हेतु कमर कस चुके थे लेकिन.....
अब नई नीति आ गयी जिसमे कक्षा 1 और 2 को प्री प्राइमरी के रूप में समाहित करने को बोल दिया गया जिन्हें आंगनवाड़ी में बोला जाएगा और इन्हें शिक्षामित्र पढ़ायेंगे यानि इनकी नीव आंगनवाड़ी में शिक्षामित्रों द्वारा रखी जायेगी।।
● अब NCTE ये कहता है कि कक्षा 1 से 5 तक की अनिवार्य शिक्षा योग्य BTC/ BED प्रशिक्षण करके TET पास करने के बाद सुपर टेट भी पास होना चाइये तब आप पढा पाएंगे तो फिर कक्षा 1 और 2 आंगनवाड़ी में क्योँ???
● जब आपको यही नीति बनानी थी तो फिर मिशन प्रेरणा के नाम पर अरबों रुपये खर्च करके क्यों प्रशिक्षण दिलवाया जा रहा कि आप 1 से 5 को पढ़ाएंगे ।।
● फलाना संदर्शिका , ढिमका सहज दुनिया भर के एक्सपेरिमेंट क्यों कराया जा रहा ???
अगर ऐसे ही उन गरीब बच्चों पर प्रयोगशाला बनाकर एक्सपेरिमेंट किया जाता रहा तो उन्हें उनका हक कभी नही मिल सकता।।।