ईपीएफओ से संबद्ध कर्मचारियों को 10 साल से पहले नौकरी छोड़ने पर भी पेंशन से वंचित नहीं होना पड़ेगा। इसके लिए शर्त है कि वह 12 महीने के भीतर दूसरी नौकरी ज्वाइन कर ले। इससे उसकी पुरानी सर्विस का कार्यकाल नई नौकरी में जुड़ जाएगा। पहले नौकरी छोड़ने के दो महीने बाद सर्विस ब्रेक हो जाती थी। इस नए नियम का फायदा कानपुर रीजन के 3.3 लाख कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा। ईपीएफओ से संबद्ध कर्मचारियों की 10 साल नौकरी पूरी करने पर 58 साल की उम्र में पेंशन मिलती है।
कानपुर क्षेत्र के 13 जिलों में ईपीएफओ में पंजीकृत 25 हजार कंपनियों और संस्थाओं में 3,32,906 कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। कानपुर परिक्षेत्र ईपीएफओ में कानपुर नगर, देहात, औरैया, इटावा, कन्नौज, फर्रुखाबाद, जालौन, बांदा, चित्रकूट, झांसी, हमीरपुर, ललितपुर, महोबा, फतेहपुर और उन्नाव शामिल हैं। ईपीएफओ में इंप्लॉय और इंप्लॉयर शेयर जमा होने पर इंप्लॉयर शेयर करीब चार प्रतिशत हर महीने पेंशन फंड में जमा होता है।
ईपीएफओ में बदलाव के तहत नौकरी छोड़ने पर 75 प्रतिशत पीएफ कर्मचारी निकाल सकते हैं। पहले नौकरी छोड़ने के दो महीने बाद पूरा शत-प्रतिशत पीएफ निकालने का नियम था। अब 25 प्रतिशत पीएफ ईपीएफओ ने रोक लिया है। इसे निकालने के लिए एक साल का इंतजार करना पड़ेगा। अगर कोई नौकरी दोबारा ज्वाइन करने का मन बनाता है तो 12 महीने के भीतर पीएफ सर्विस बहाल हो जाएगी। हालांकि 75 प्रतिशत पीएफ निकालने के लिए नौकरी छोड़ने के बाद दो महीने का इंतजार नहीं करना होगा। यह राशि नौकरी के बाद किसी भी समय निकाली जा सकती है।
क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-प्रथम कानपुर परिक्षेत्र शाहिद इकबाल ने बताया कि ईपीएफओ के बदलाव के तहत कानपुर परिक्षेत्र के करीब साढ़े तीन लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। नौकरी छोड़ने के बाद पूरा पैसा निकालने के नियम में 25 प्रतिशत रकम एक साल तक रोकने के पीछे मंशा है कि कर्मचारियों का मन बदलने पर उसकी सेवाएं समाप्त न हों। एक साल के भीतर दूसरी नौकरी ज्वाइन करने पर पेंशन के लिए सर्विस ब्रेक न होने से लाभ मिलेगा।