खुशखबरी! माननीय सीएम जी द्वारा बहुप्रतीक्षित अन्तरजनपदीय ट्रांसफर प्रक्रिया को हरी झंडी


*खुशखबरी! माननीय सीएम जी द्वारा बहुप्रतीक्षित अन्तरजनपदीय ट्रांसफर प्रक्रिया को हरी झंडी।*
       बेसिक शिक्षा विभाग में इस बहुत बड़ी सफलता के लिए विवेकानन्द जी, सुधेश पांडेय जी, अनुराग मिश्र जी, कमल दीक्षित जी, संजीव रजक जी और अजय ठाकुर जी विशेष रूप से बधाई के पात्र हैं आपलोगों का संयुक्त प्रयास रंग लाया। ट्रांसफर एक दिन की मेहनत का परिणाम नहीं है कि कोई ज्ञापन दिया और माननीय मुख्यमंत्री जी आदेश कर दिए।
       मुझे आज भी याद है जब न्यूनतम सेवाकाल 5 वर्ष का शासनादेश जारी हो गया था। सभी हिम्मत हार के बैठ गए थे कि आवेदन नहीं कर पाएंगे। ऐसे में नामुमकिन कार्य को मुमकिन में बदलने के लिए भाई विवेकानंद जी की टीम भाजपा प्रदेश महामंत्री माननीय सुनील बंसल जी से उस वक़्त मुलाकात किया जब सभी जून 2019 में ग्रीष्मावकाश की छुट्टियां मना रहे थे उस तपती धूप में जाकर माननीय सुनील बंसल जी से वार्ता हुआ माननीय बंसल जी कहे यदि न्यूनतम सेवाकाल 5 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष कर दिया जाय तो क्या 3 वर्ष वालों सभी का ट्रांसफर हो जाएगा। वहां उन्हें हम लोग समझाने में सफल रहे कि आवेदन करेंगे सीट के सापेक्ष जिनका मेरिट आएगा उनका ट्रांसफर होगा। अंततः माननीय बंसल जी के हस्तक्षेप से न्यूनतम सेवाकाल 3 वर्ष हुआ।

उसके बाद भी जब प्रक्रिया रुकी तो सत्ताधारी दल के पदाधिकारियों से मिल कर मांग को उठवाया जाता रहा विभिन्न जिले के जिलाध्यक्षों सांसदों विधायकों से मुहिम चला अपनी बात रखी जाती रही।

       इसके बाद जब हम सभी लोग कोरोना काल में स्कूल से घर और घर से सिर्फ स्कूल, बाहर कहीं भी आना जाना बंद रहा। ऐसे कोरोना काल में भी भाई विवेकानंद जी सुधेश जी तथा अपनी टीम के साथ मिलकर बेसिक शिक्षा परिषद सचिव से मिलकर वार्ता करते रहे।   

2 दिन पहले ही सचिव कार्यालय जा कर वार्ता कर जानकारी दे दी थी कि इसी माह प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी और बात सही साबित हुई।

   इसके साथ साथ भाई सुधेश पांडेय, अनुराग मिश्र जी तथा टीम के द्वारा ट्विटर अभियान के लिए सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को प्रेरित किया। माननीय मुख्यमंत्री जी के पास हज़ारों ट्विटर संदेश पहुंचे जिसके परिणास्वरूप माननीय मुख्यमंत्री जी ने अन्तरजनपदीय ट्रांसफर प्रक्रिया को हरी झंडी दिया। अब उम्मीद है रिक्त सीट व गुणवत्ता अंक के सापेक्ष अधिक से अधिक शिक्षक शिक्षिकाएं सुदूर जनपदों से अपने गृह जनपद अपने परिवार में आ सकेंगे।

      अन्तरजनपदीय ट्रांसफर मुहिम में शामिल एक एक शिक्षक को हृदय से कोटिश धन्यवाद।

                पिछले 8 वर्षों में भाई विवेकानंद जी ने जिस भी मामले में संघर्ष शुरू किया सफलता अवश्य मिली। हर एक नामुमकिन कार्य को मुमकिन में बदलते आ रहे हैं। ऐसे अटल व्यक्तित्व का हम सभी के साथ होना गौरव की बात है।
अब तो और विस्वास हो गया कि पेंशन की लडाई भी मा0 न्यायालय से आप अवश्य जीतेंगे।
 ये कहना अतिश्योक्ति नही होगी कि *विवेकानंद है तो मुमकिन है*