नौकरी की पहली सीढ़ी पर हांफ गए 31277 शिक्षक भर्ती में चयनित मास्टर साहब :- जिला अस्पताल में पर्ची कटी, कार्यालय में लगी मुहर, नहीं दे पाए खून, शिक्षकों की होनी है स्वास्थ्य जांच, गुरुजी भूल गए कोरोना का पाठ

 गोरखपुर: नियुक्ति पत्र पाने के अगले ही दिन मास्टर साहब नौकरी की पहली सीढ़ी पर हांफने लगे। स्वास्थ्य जांच के लिए जिला अस्पताल के पर्ची काउंटर से शुरू हुई दौड़ पूरे दिन जारी रही पर प्रमाण पत्र की कौन कहे खून का नमूना ही नहीं लिया जा सका। अब सोमवार को जांच की उम्मीद है।


परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर गोरखपुर में 547 चयनित हैं। शुक्रवार को सभी को नियुक्ति पत्र जारी हो गया। ज्वाइन करने से पहले सभी शिक्षकों को अपने स्वास्थ्य की जांच करानी है।

पर्ची काउंटर से शुरू हुई मुसीबत: शिक्षकों को सिर्फ यह बताया गया कि स्वास्थ्य की जांच का सीएमओ कार्यालय से प्रमाण पत्र लेकर आना है। शनिवार सुबह 10 बजे तक शिक्षक सीएमओ कार्यालय खुलने का इंतजार करते रहे। कार्यालय खुला तो बताया गया कि पहले जिला अस्पताल में एक रुपये की पर्ची बनवानी पड़ेगी।

किसी तरह पर्ची बनवाकर वापस सीएमओ कार्यालय पहुंचे तो यहां जांच की मुहर लगाने में काफी समय लगा। मुहर लगवाकर ओपीडी के 28 नंबर कमरे में फिजीशियन के पास पहुंचे तो वहां पहले से मरीजों की लंबी लाइन लगी थी।

फीस जमा करने में भी मुश्किल: जांचों के लिए शिक्षकों को 102 रुपये शुल्क जमा करना था। इसके लिए भी धूप में उन्हें घंटों लाइन लगानी पड़ी।

जिला अस्पताल के क्षेत्रीय निदान केंद्र में 12 बजे के पहले खून का नमूना लेना बंद कर दिया गया। नमूना देने पहुंचे तो बताया गया कि अब सोमवार की सुबह आइए।

गर्भवती रहीं परेशान: गर्भवती शिक्षक भी जिला अस्पताल पहुंची थीं। उनके स्वजन स्वास्थ्य का हवाला देकर जल्द जांच के लिए गुहार लगाते रहे लेकिन किसी ने नहीं सुनी।

नौकरी के चक्कर में भूले कोरोना: स्वास्थ्य जांच जल्द से जल्द कराने के चक्कर में शिक्षक कोविड 19 के नियमों को भी भूल गए। पर्ची बनवाने, रुपये जमा कराने, जांच कराने में किसी ने शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया। ज्यादातर शिक्षकों ने मास्क भी नहीं लगाया था।

यह जांच होनी है: आंख, हृदय, नाक-कान व गला, हड्डी, सीने का एक्सरे, खून और कोरोना की होनी है जांच।

गुरुजी भूल गए कोरोना का पाठ: परिषदीय विद्यालयों में तैनाती पाए शिक्षक कोरोना काल में शारीरिक दूरी का पहला पाठ ही भूल गए। हालत यह थी कि शनिवार को जिला अस्पताल में स्वास्थ्य प्रमाणपत्र के लिए पहुंचे शिक्षक धक्का-मुक्की करते नजर आए’पंकज श्रीवास्तव

स्वास्थ्य जांच कराने वालों की संख्या अचानक बढ़ने के कारण दिक्कत हुई। शुल्क काउंटर बढ़ाए जाएंगे, सभी की जांच कराई जाएगी।

डा. अभय चंद श्रीवास्तव, प्रमुख अधीक्षक, जिला अस्पताल