उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के अभी भी लाखों पद रिक्त


उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के लाखों पद रिक्त:-बंटी पाण्डेय

लखनऊ:-

उत्तर प्रदेश वह राज्य जहां योगी सरकार विकास और रोजगार के आकड़े गिनाती रहती है।उत्तर प्रदेश का बेसिक शिक्षा विभाग 2017 में उस समय सुर्खियों में आ गया जब शिक्षामित्रों की योग्यता पूर्ण न होने के चलते गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए समायोजन रद्द कर दिया गया,143000 शिक्षामित्रों को लिखित परीक्षा में भर्ती के लिए बीटीसी अभ्यर्थियों के साथ मौका दिया गया और यह भर्ती दो भागों में बाँट कर पूर्ण कराने का आदेश माननीय न्यायालय ने दिया।पहली भर्ती 68500 निकाली गयी जिसमे टीईटी व सीटेट पास अभ्यर्थियों ने आवेदन
किया,150 अंक की लिखित परीक्षा हुई।इसके उत्तीर्ण अंक जो कि सामान्य वर्ग का 67 व सभी आरक्षित वर्ग का 60 था। इसे भी बड़ी मात्रा में लोग नही ला पाए,कारण था बीटीसी उम्मीदवारों की कम संख्या व शिक्षामित्रों के परीक्षा में बिल्कुल ख़राब प्रदर्शन,जिसके कारण 22000 सीट इस भर्ती में रिक्त रह गयी।आंकड़ों के अनुसार 2017 में बीटीसी के कालेज कम थे व मात्र 45 हजार प्रशिक्षुओ को प्रति वर्ष प्रशिक्षण दिया जाता था।इसके बाद दूसरी भर्ती 2018 में निकाली गयी और इसमें 69000 पद थे।तमाम अड़चनों के बाद यह भर्ती अंततः 2021 में पूर्ण हुई।इस 69000 शिक्षक भर्ती में सबसे बड़ा बदलाव बीएड को शामिल करने को लेकर किया गया।उत्तर प्रदेश सरकार ने 69000 शिक्षक भर्ती में बीटीसी अभ्यर्थियों की संख्या कम होने का हवाला देते हुए बीएड को शामिल किया था।अब भी यह विवाद बीटीसी व बीएड अभ्यर्थियों के बीच बना हुआ है।बीटीसी जिसका नाम 2017 में बदलकर डीएलएड कर देने के साथ प्रवेश की सीटें बढाकर 2.5 लाख कर दिया जाना,जिसके पश्चात अभी तक 6 लाख डीएलएड प्रशिक्षु प्रशिक्षण ले चुके हैं और जल्दी ही 2.5 लाख लोग और प्रशिक्षण ले लेंगे।उत्तर प्रदेश के प्रशिक्षु विगत डेढ़ वर्ष से टेट व सीटेट उत्तीर्ण करके नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे हैं किंतु बार-बार माननीय शिक्षामंत्री श्री सतीश द्विवेदी जी द्वारा यही आश्वासन मिलता रहा कि 69000 शिक्षक भर्ती को पूर्ण करने के पश्चात हम नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए प्रतिबद्ध हैं।अब 69000 शिक्षक भर्ती पूर्ण हो चुकी है इस भर्ती में 1133 सीट खाली रह गयी जो ST कोटे की थी।बेरोजगार युवा मंच के संस्थापक राकेश पाण्डेय उर्फ बंटी पाण्डेय ने मुख्यमंत्री योगिआदित्यनाथ जी को, नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जल्द जारी हो इसी सम्बंध में पत्र लिखकर सूचित किया,एवम उन्होंने निवेदन भी किया है कि अब हमारी नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती की मांग को जल्द से जल्द निस्तारित करके विज्ञापन जारी करने का कष्ट करें।बंटी पाण्डेय ने कहा कि हम सभी ने आपका 69000 शिक्षक भर्ती में योगदान देखा है किंतु महोदय प्रदेश के प्रशिक्षु पिछले डेढ़ वर्ष से भर्ती का इंतजार कर रहे हैं।अब जो प्राथमिक शिक्षक भर्ती आएगी उसमे डीएलएड 18 बैच भी शामिल हो चुका है।एकतरफ प्रशिक्षु पिछले डेढ़ वर्ष से प्राथमिक शिक्षक भर्ती का इंतजार ही करते रह गए कि कब 69000 पूर्ण होगी,जब पूर्ण हो गयी तो विज्ञापन में देरी की जा रही है।माननीय शिक्षामंत्री जी को पूरे मुद्दे से अवगत करा दिया गया है,फिर भी विज्ञापन प्रक्रिया में देरी हो रही है।बंटी पाण्डेय नें बताया कि परीक्षा नियामक अधिकारी के द्वारा यूपी टीईटी कराने के लिए दो बार प्रस्ताव भेजा गया लेकिन शासन ने अनुमति नहीं दी।अब तीसरी बार प्रस्ताव जाएगा।सम्भवतः टीईटी जुलाई में होने की संभावना है।बंटी पाण्डेय जी ने कहा कि जब आप प्रतिवर्ष भर्ती नहीं निकाल सकते तो प्रतिवर्ष 10 से 20 लाख नए बेरोजगार तैयार करने की क्या आवश्यकता है या तो आप प्राथमिक शिक्षक भर्ती दीजिए या हमें साफ-साफ बता दीजिए,आप नहीं दे सकते,अगर भर्ती नहीं दे सकते तो बीटीसी,डीएलएड,बीएड भी कराना बन्द करिये।बंटी पाण्डेय ने बताया कि आरटीआई के माध्यम से यह पता चला है कि उत्तर प्रदेश में 2 लाख 17 हजार प्राथमिक में रिक्त पद हैं,उसके बावजूद भी विज्ञापन जारी नहीं किया जा रहा है।आंकड़ों से मिली जानकारी के अनुसार स्कूल शिक्षा गुणवत्ता सूचकांक में देश के 20 बड़े राज्यों में केरल शीर्ष स्थान पर है जबकि राजस्थान दूसरे और कर्नाटक तीसरे स्थान पर था। वहीं, सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य उत्तर प्रदेश इस मामले में सबसे निचले पायदान पर रहा।