एनपीएस पर नए टैक्स स्लैब में भी ले सकते हैं आयकर छूट का लाभ


नई दिल्ली। करदाताओं के लिए 2020-21 से पुराने के साथ नए


टैक्स स्लैब की व्यवस्था दी जा रही है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2020 में इसका प्रस्ताव रखा था। पुरानी कर व्यवस्था आयकर कानून की धारा 80सी, 80डी, एचआरए समेत कई प्रकार मिलती है, जबकि व्यवस्था में 70 तरह की छूट और कटौतियों को खत्म कर दिया गया है। हालांकि, इसमें नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में किए गए। निवेश पर 80सीसीडी (2) के तहत टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। इसका लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि नियोक्ता एनपीएस टियर-1 खाते में पैसा जमा कराए। नियोक्ता एनपीएस का

फायदा नहीं देता है, तो आप छु का दावा नहीं कर सकते हैं। नियोक्ता की ओर से एनपीएस में डाली गई रकम सीटीसी (कॉस्ट दु कंपनी) का हिस्सा होती है।

इन पांच विकल्पों पर भी राहत


जीवन बीमा की मैच्योरिटी पर
मिली रकम... नई व्यवस्था में आयकर कानून की धारा 80सी के तहत आने वाले जीवन बीमा के प्रीमियम पर टैक्स छूट नहीं मिलती है। लेकिन, जीवन बीमा की मैच्योरिटी पर मिली रकम पर
धारा 10 (10डी) के तहत टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं।


पीपीएफ के ब्याज और मैच्योरिटी राशि पर... पीपीएफ पर मिलने वाला
ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पर भी नई कर व्यवस्था के तहत छूट ले सकते हैं। इसके अलावा, ईपीएफ [9.5 फीसदी तक की दर से मिलने वाले ब्याज पर भी छूट मिलती रहेगी.



नियोक्ता से मिली ग्रेच्युटी राशि पर टैक्स छूट ले सकते हैं। किसी संस्थान में लगातार 5 साल काम करने के बाद कर्मचारी ग्रेच्युटी पाने के योग्य होता है। आपको नियोक्ता से 5,000 रुपये तक का उपहार मिला है तो यह भी टैक्स दायरे में नहीं आएगा।


सुकन्या समृद्धि के व्याज व मैच्योरिटी की रकम सुकन्या समृद्धि योजना पर मिलने वाले ब्याज व मैच्योरिटी की राशि पर नई कर व्यवस्था के तहत छूट जारी रहेगी। इसमें निवेश की जाने वाली रकम पर आयकर कानून की धारा 80सी तहत छूट नई व्यवस्था में नहीं मिलेगी


वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाला ब्याज... नए स्लैब के तहत वरिष्ठ नागरिकों को डाकघर, बैंक या कोऑपरेटिव बैंकों के बचत खाते, रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) या फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) पर मिलने वाले ब्याज पर छूट मिलती रहेगी।



7.50 लाख रुपये तक ही मिलेगी छूट

अगर एनपीएस या ईपीएफ खाते में आपका नियोक्ता पैसे जमा करवाता है तो उस पर आपको छूट मिलेगी एनपीएस, ईपीएफ खाते में एक वित्तवर्ष में जमा राशि 7.50 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी

चाहिए। मैच्योरिटी पर मिलने वाली एकमुश्त 60% राशि पर भी टैक्स नहीं लगेगा। -बलवंत जैन, टैक्स एवं निवेश सलाहकार