अगले साल होने जा रहे विधान सभा चुनाव में पहली बार राज्य के सभी पोलिंग बूथों पर वोटर मतदान के बाद यह तस्दीक कर सकेंगे कि उन्होंने किसे वोट दिया है। इस बार हर पोलिंग बूथ पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ वीवीपैट मशीन भी लगायी जाएगी।
इन मशीनों को पूरी सुरक्षा के साथ रखे जाने के लिए गोदाम तैयार किये जा रहे हैं। वीवीपैट रखने के लिए अब तक 59 और ईवीएम रखने के लिए 70 गोदाम तैयार कर लिये गये हैं। कहीं-कहीं एक ही परिसर में ईवीएम व वीवीपैट के गोदाम बने हैं, कुछ और गोदाम बनाए जा रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में जिन लोस सीटों पर चुनाव याचिका विचाराधीन हैं उन सीटों से सम्बंधी ईवीएम इस्तेमाल नहीं की जाएगी। चूंकि इस बार प्रति पोलिंग बूथ 1500 वोटरों के बजाए 1200 वोटर का मानक तय किया गया है इसलिए इस बार पोलिंग बूथों की संख्या बढ़ायी जा रही हैं इस नाते ईवीएम और वीवीपैट की ज्यादा तादाद में जरूरत पड़ेगी। जितनी जरूरत है।वीवीपैट मशीन भी लगायी जाएगी।
इन मशीनों को पूरी सुरक्षा के साथ रखे जाने के लिए गोदाम तैयार किये जा रहे हैं। वीवीपैट रखने के लिए अब तक 59 और ईवीएम रखने के लिए 70 गोदाम तैयार कर लिये गये हैं। कहीं-कहीं एक ही परिसर में ईवीएम व वीवीपैट के गोदाम बने हैं, कुछ और गोदाम बनाए जा रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में जिन लोस सीटों पर चुनाव याचिका विचाराधीन हैं उन सीटों से सम्बंधी ईवीएम इस्तेमाल नहीं की जाएगी। चूंकि इस बार प्रति पोलिंग बूथ 1500 वोटरों के बजाए 1200 वोटर का मानक तय किया गया है इसलिए इस बार पोलिंग बूथों की संख्या बढ़ायी जा रही हैं इस नाते ईवीएम और वीवीपैट की ज्यादा तादाद में जरूरत पड़ेगी। जितनी जरूरत है।वीवीपैट मशीन भी लगायी जाएगी।
वोटर द्वारा ईवीएम पर अपने पसंदीदा उम्मीदवार के चुनाव निशान के आगे का बटन दबाने के बाद साथ में लगी वीवीपैट मशीन से एक पर्ची निकलेगी जिसमें वोटर यह देख सकेगा कि उसने अपने पसंदीदा उम्मीदवार को ही वोट दिया है या नहीं। मगर यह पर्ची वोटर को मिलेगी नहीं, मशीन से निकलने के कुछ पलों बाद यह पर्ची साथ लगी बास्केट में गिर जाएगी।
इंजीनियरों ने शुरू किया परीक्षण: इलेक्निक कारपोरेशन आफ इण्डिया लि. औरहैदराबाद भारत इलेक्ट्रानिक लि. बंगलूरू के इंजीनियरों की टीमों ने प्रदेश में मौजूद और दूसरे राज्यों से मंगवाई जा रही ईवीएम की कण्ट्रोल यूनिट व बैलेट यूनिट तथा वीवीपैट की चेकिंग का काम शुरू कर दिया है
2017 के विस चुनाव में 30 सीटों पर लगी थीं वीवीपैट
बताते चलें कि 2017 के प्रदेश में हुए विधान सभा चुनाव में परीक्षण के तौर 30 विधान सभा क्षेत्रों के सभी पोलिंग बूथों पर वीवीपैट मशीनें लगायी गयी थीं। उसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव की सभी सीटों के पोलिंग बूथों पर वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किय गया था। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बिहार, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों से ईवीएम और वीवीपैट मशीनें मंगवायी जा रही हैं।
मशीनें सुरक्षित रखने को बनवाए जा रहे हैं गोदाम
इन मशीनों को पूरी सुरक्षा के साथ रखे जाने के लिए गोदाम तैयार किये जा रहे हैं। वीवीपैट रखने के लिए अब तक 59 और ईवीएम रखने के लिए 70 गोदाम तैयार कर लिये गये हैं। कहीं-कहीं एक ही परिसर में ईवीएम व वीवीपैट के गोदाम बने हैं, कुछ और गोदाम बनाए जा रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में जिन लोस सीटों पर चुनाव याचिका विचाराधीन हैं उन सीटों से सम्बंधी ईवीएम इस्तेमाल नहीं की जाएगी। चूंकि इस बार प्रति पोलिंग बूथ 1500 वोटरों के बजाए 1200 वोटर का मानक तय किया गया है इसलिए इस बार पोलिंग बूथों की संख्या बढ़ायी जा रही हैं इस नाते ईवीएम और वीवीपैट की ज्यादा तादाद में जरूरत पड़ेगी। जितनी जरूरत है।