विभाग पहले सभी शिक्षक समस्याओं का समाधान करें फिर उचित आदेश- राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ,गोण्डा।
*अव्यवहारिक ऑनलाइन उपस्थिति और सेल्फी खींचकर फोटो भेजनें जैसे विभाग द्वारा नित नए फरमान सभी शिक्षकों की गरिमा को ठेस पहुंचाने की सोंची समझी रणनीति/ साजिश है।*
*_(ऑनलाइन उपस्थिति /फोटो से उपस्थिति का आदेश पूर्णतः अव्यवहारिक तथा विषम ग्रामीण परिस्थितियों के कारण उचित नही है, विभाग को पुनर्विचार करके इस आदेश को वापस लेना चाहिए।)_*
_ऑन लाइन उपस्थिति लागू करने में आने वाली व्यवहारिक कुछ प्रमुख समस्याएं-_
*📣 आधे दिन का आकस्मिक अवकाश की सुविधा नही है, इस कारण से कभी कोई अपरिहार्य स्थिति आ गई तो शिक्षक अनुपस्थित हो जाएगा।*
*📣 प्राकृतिक विपरीत परिस्थितियों में जैसे कोहरा में लो विजिबिलिटी, बारिश, बाढ़, रास्ते में गाड़ी पंचर हो जाने, खराब हो जाने, जाम लगने, रेलवे फाटक के बंद होने की स्थिति में, रास्ते में जाम होने आदि अन्य किसी वास्तविक कारणों से कुछ ही मिनट की होने वाली देरी के कारण ही शिक्षक अनुपस्थित हो जायेंगे।*
*📣 प्रधानाध्यापक/ इंचार्ज को MDM हेतु सब्जी , फल, दूध या सामान लेने में अगर बाजार में कुछ मिनटों की भी देर हुई तो अनुपस्थित मान लिया जाएगा।*
*📣 शिक्षकों के लिए E.L. (उपार्जित अवकाश) की सुविधा नही है, जिससे किसी भी स्थिति/विपरीत परिस्थिति जैसे घर परिवार में किसी की विवाह, परिवार के सदस्यों में किसी के साथ भी अकास्मिकता हो जाने पर चिकित्सीय अवकाश लेना पड़ता है।*
_(क्योंकि विपरीत परिस्थिति केवल ग्रीष्मावकाश/ शीतकालीन अवकाश के बीच बताकर तो नही आयेगी।)_
*📣 ऑन लाइन फेस उपस्थित/ प्रार्थना सभा में फोटो से महिला शिक्षिकाओं, शिक्षकों/बच्चों की उपस्थित क्यों जबकि अन्य विभागों में ऐसा नहीं है तो परिषदीय विद्यालयों में क्यों?*
(क्या यह बालिकाओं ,14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों/महिला शिक्षिकाओं की निजिता का हनन नहीं है?
(क्या बच्चों की उपस्थिति चेहरे से ली जाएगी ऐसा कही बाल अधिकार अधिनियम में उल्लिखित है?
*ऑनलाइन व्यवस्था शिक्षकों की सेवा शर्तों के विरुद्ध है जो उल्लिखित नही है।*
कर्मचारी नियमावली 1956 तथा बेसिक शिक्षा परिषद नियमावली 1972 अद्यतन संशोधन 1982 के विरुद्ध है।
_जबकि विद्यालयों के नियमित निरीक्षण के लिए सभी विकास खंड तथा जनपद में तथा पूरे प्रदेश में पर्याप्त विभागीय अधिकारी मौजूद है।_
*📣 परिषदीय विद्यालय ग्रामीण परिवेश में स्थित है जहां पर अनेक प्रकार की विषम जटिलताएं है जिनका उल्लेख करना पोस्ट में संभव नही है, उनको संज्ञान में लेना चाहिए।*
_और इस अव्यवहारिक आदेश को विभाग के द्वारा पुनर्विचार करके वापस लिया जाना चाहिए।_
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_कुछ प्रमख मांगे जो कई वर्षों से लंबित है जिनका समाधान किया जाए-_
*📣 सभी शिक्षकों/कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल की जाए।*
*📣 शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।*
*📣 शिक्षकों को भी चिकित्सा सुविधा और सामूहिक बीमा दुर्घटना बीमा कवर दिया जाय।*
*📣 समायोजन से पूर्व प्रत्येक विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद सृजित करके कई वर्षों से लंबित अविलंब पदोन्नति की जाए।*
_(उत्तर प्रदेश के मा.यशस्वी मुख्यमंत्री परम आदरणीय आदित्यनाथ श्री योगी जी के कई बार आदेश देने के बाद भी विभाग के द्वारा कई वर्षों से अब तक पदोन्नति नही की गई केवल खानापूर्ति में आदेश जारी किया जाता है फिर निरस्त।)_
*📣 मुक्त रूप से अंतर्जनपदीय तथा जनपद में स्थानांतरण किया जाय।*
_◆ मा. यशस्वी मुख्यमंत्री परम आदरणीय श्री आधियानाथ जी के द्वारा सभी विभाग के अधिकारियों /कर्मचारियों के स्थानांतरण हेतु निर्देश दिए गए हैं किंतु बेसिक शिक्षकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण का अभी तक कोई नीति अथवा आदेश इस सम्बंध में विभाग द्वारा जारी नही किया गया।_
_(काफी संख्या में महिला शिक्षिकाएँ /पुरुष शिक्षक सुदूरवर्ती विषम परिस्थितियों में कार्यरत है उनका स्थानांतरण सुविधाजनक स्थल पर पहले किया जाए।)_
*📣 शिक्षामित्रों तथा अनुदेशकों को समान कार्य के लिए सम्मानजनक समान वेतन दिया जाए।*
*📣 17140/18150 जिनको अब तक नही प्राप्त हो रहा है उनको भी उपरोक्त लाभ दिया जाए।*
*📣 शिक्षकों को सभी गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए।*
*📣 प्राथमिक विद्यालयों के एक प्रधान शिक्षक तथा कक्षावार शिक्षक और उच्च प्राथमिक विद्यालय/कंपोजिट विद्यालय में विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति की जाय।*
*📣 सभी पात्र शिक्षकों को प्रोन्नति वेतनमान का लाभ दिया जाय।*
*📣 E.L. (उपार्जित अवकाश) तथा प्रतिकर अवकाश प्रदान किया जाय।*
*📣 सभी प्रभारी प्रधानाध्यापकों को प्रधानाध्यापक का वेतन दिया जाए।*
*📣 विद्यालयों की सुरक्षा हेतु चौकीदार की नियुक्ति की जाय।*
*📣अभिलेखीय कार्य हेतु लिपिक विद्यालय हेतु नियुक्त किए जाए शिक्षकों से केवल शिक्षण कार्य _(बाल अधिनियम के तहत_ कराया जाए।*
*📣 विभागीय अधिकारी शिक्षक समस्याओं के समाधान हेतु मान्यता प्राप्त संगठनों के पदाधिकारियों के साथ नियमित बैठक करें।*
_(मा.यशस्वी मुख्यमंत्री परम आदरणीय श्री आदित्यनाथ योगी जी तथा मा. बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री परम आदरणीय श्री संदीप सिंह जी शिक्षकों की सभी समस्याओं के समाधान हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध है फिर भी विभाग के सक्षम अधिकारी समस्याओं के निस्तारण के लिए पूर्णतः गंभीर नहीं है केवल उनके द्वारा खानापूर्ति हो रही है।)_
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*🚩 📣 राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, उत्तर प्रदेश (प्रा.संवर्ग) के सम्मानित प्रदेश नेतृत्व के द्वारा शिक्षक, शिक्षिकाओं के मत के अनुसार पूर्व में ही विभागीय सक्षम उच्च अधिकारियों को पत्र देकर सभी शिक्षक समस्याओं का समाधान न होने तक विद्यालय की पंजिकाओं के डिजिटलाइजेशन का पूर्ण बहिष्कार किया गया है जो समस्त शिक्षक समस्याओं के समाधान होने तक जारी है।*
*📌 ग्रामीण परिवेश में स्थित बेसिक विद्यालयों में अनेकों प्रकार की जटिलताएं है जिसका उल्लेख पोस्ट में करना संभव नही है, ग्रामीण परिवेश की विषम जटिलताओं को बिना समझे नित्य अव्यवहारिक आदेश जारी किया जा रहे है, सबसे पहले विभाग को शिक्षकों की सभी समस्याओं का समाधान करना चहिए फिर संगठन से वार्ता करके उसके बाद उचित आदेश।*
_हम सभी को ऐसे सभी अव्यवहारिक आदेशों के लिए अपनी एक एकजुटता बनाए रखनी है।_
*और लोकतान्त्रिक ढंग से अव्यहारिक आदेशों का पूर्णतः पुरजोर विरोध सभी शिक्षक समस्याओं के समाधान तक करना है।*
_ऐसे सभी आदेश जो पूर्णतः अव्यवहारिक है जो ग्रामीण परिस्थितियों की जटिलताओं पर बिना विचार जारी किया जा रहा है, तथा जिससे शिक्षकों की गरिमा तथा मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने की रणनीति है उसका राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, गोण्डा पूर्णतः विरोध करता है।_
*जनपद-गोण्डा सहित प्रदेश के सभी शिक्षक तथा शिक्षिकाएंं पूरी निष्ठा तथा ईमानदारी के साथ अपने सभी विभागीय दायित्वों का निर्वहन कर रहे है सभी विभाग के समस्त सम्मानित उच्च अधिकारियों से अपील है कि, शिक्षक/ शिक्षिकाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए किसी प्रकार का ऐसा अव्यवहारिक आदेश थोपा ना जाए।*
*📣 शिक्षकों की समस्त समस्याओं का समाधान ना होने से जनपद-गोण्डा सहित प्रदेश के सभी शिक्षक/शिक्षिकाओं में व्यापक स्तर पर रोष व्याप्त है।*
जय शिक्षक🚩 जय महासंघ🚩
*वीरेंद्र मिश्र*
*जिलाध्यक्ष/प्रदेश प्रवक्ता*
*राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ- गोण्डा/उत्तर प्रदेश*