लखनऊ, । मैं जिंदगी से हार गया हूं...। मम्मी-पापा मैं आपके सपनों को पूरा नहीं कर पा रहा हूं...। तंग आकर मैं अपना जीवन खत्म कर रहा हूं...। मम्मी- पापा मुझे माफ कर देना...। यह लिखकर रोहित कुमार (22) ने मड़ियांव स्थित किराये के घर में फांसी लगा ली। कमरे से दुर्गंध व खून निकलता देख मकान मालकिन ने पुलिस को सूचना दी। शव दो से तीन दिन पुराना है।
सीतापुर के निजामपुर निवासी सुधीर ने बताया कि भाई रोहित कुमार (22) तीन माह से मोहिबुल्लापुर में आशा देवी के घर में किराये के मकान में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहा था। इंस्पेक्टर मड़ियांव शिवानंद मिश्रा के मुताबिक मंगलवार सुबह आशा देवी ने रोहित के कमरे से दुर्गंध आने और खून निकलने की सूचना मिली। पुलिसकर्मी दरवाजा तोड़कर भीतर गए। रोहित का शव पंखे के कुंडे से फंदे के सहारे लटका हुआ था। शव दो से तीन दिन पुराना है। रोहित के पास से सुसाइड नोट मिला है। जिसमें नौकरी न लगने से परेशान होकर फांसी लगाने की बात लिखी है। सुसाइड नोट और मोबाइल फोन जांच के लिए भेज दिया गया है। परिवार में पिता चंद्रभाल व भाई सुधीर हैं। पिता चंद्रपाल ने बताया कि 26 अगस्त को आखिरी बार बेटे रोहित से बात हुई थी। बेटे से बातचीत में ऐसा नहीं लगा था कि वह यह कदम उठा लेगा।