*यूपी: निरस्त नहीं होगा बेसिक शिक्षकों का तबादला, शिक्षा विभाग ने बीएसए को दिए निर्देश; अनुपात देख हुए तबादले*
शिक्षा विभाग ने 30 जून को सभी आवश्यक प्रक्रिया पूरी करते हुए शिक्षक-छात्र अनुपात के आधार पर 20182 शिक्षकों के तबादले किए थे। अब उसी पर विवाद शुरू हो गया है।
परिषदीय विद्यालयों में बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से हाल में किए गए जिले के अंदर सामान्य तबादलों में कई जिलों में शिक्षकों की कार्यमुक्ति निरस्त की जा रही थी। विभाग ने इस पर नाराजगी जताई है। साथ ही शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बीएसए को निर्देश दिया कि किसी भी शिक्षक का तबादला निरस्त नहीं किया जाएगा। उन्हें नियमानुसार कार्यभार ग्रहण कराया जाए।
परिषद की ओर से 30 जून को सभी आवश्यक प्रक्रिया पूरी करते हुए शिक्षक-छात्र अनुपात के आधार पर 20182 शिक्षकों के तबादले किए थे। इसमें से कई जिलों में शिक्षकों ने कार्यभार भी ग्रहण कर लिए। किंतु एटा, लखीमपुर खीरी, चित्रकूट, अयोध्या, बरेली आदि कुछ जिलों में शिक्षक-छात्र अनुपात बिगड़ने की बात कहते हुए खंड शिक्षा अधिकारियों की ओर से शिक्षकों की कार्यमुक्ति निरस्त की जा रही थी।
उनका कहना था कि छात्र-शिक्षक अनुपात प्रभावित हो रहा है, इसलिए कार्यमुक्ति निरस्त की जाती है। शिक्षक अपने मूल विद्यालय में कार्यभार संभालना सुनिश्चित करें। चर्चा यह भी रही कि स्वहित में बीईओ की ओर से यह कार्यवाही की जा रही थी। जिलों में हो रही कार्यमुक्ति निरस्त करने से शिक्षकों में नाराजगी बढ़ रही थी। साथ ही इसकी शिकायत बेसिक शिक्षा मंत्री व उच्च अधिकारियों से भी की गई।
तबादला शिक्षक-छात्र अनुपात देखकर किया गया
इस क्रम में महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा व अन्य विभागीय अधिकारियों ने शनिवार दोपहर सभी बीएसए के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल व बेसिक शिक्षा परिषद सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि सभी बीएसए को निर्देश दिए गए हैं कि तबादला पाए शिक्षकों को जॉइन कराना सुनिश्चित करें। तबादला शिक्षक-छात्र अनुपात देखकर किया गया है। कुछ बीएसए की ओर से इसे लेकर संशय बताया गया, जिसका निराकरण भी किया गया।
आरटीई मानक के अनुसार तबादले, अभी और होगा समायोजन
शिक्षकों के तबादलों के बाद जॉइन कराने में आ रही दिक्कत व स्कूलों के विलय को लेकर चल रहे विरोध के बाद सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत शिक्षकों का समायोजन प्रभावी तरीके से किया गया है। कोई भी विद्यालय एकल न रहे इसके लिए नियमित शिक्षकों की तैनाती की गई है। साथ ही शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को भी सहायक कार्यों में लगाया गया है।
सरकार की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि समायोजन के दो चरण पूरे हो चुके हैं। अब जिलास्तरीय समिति की बारी है। पहले चरण में 16646 शिक्षकों को तबादले का लाभ मिला। दूसरे चरण ने 543 शिक्षकों का आकांक्षात्मक जिलों में समायोजन किया गया। तीसरे में जिले के अंदर 20182 शिक्षकों को सामान्य तबादलों का लाभ दिया गया है। अब बचे सरप्लस शिक्षकों का समायोजन डीएम की अध्यक्षता में समिति गठित कर छात्र-शिक्षक अनुपात के अनुरूप किया जाएगा।
विद्यालय पेयरिंग और बाल वाटिका की पहल
महानिदेशक स्कूल शिक्षा शिक्षा कंचन वर्मा के अनुसार कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को पेयरिंग मॉडल से जोड़ा गया है। इनमें बाल वाटिका चलाई जा रही है और यू-डायस कोड यथावत रखा गया है। जहां छात्र संख्या कम है और शिक्षक अतिरिक्त (सरप्लस) हैं। वहां से शिक्षक कम संख्या वाले विद्यालयों में भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि है जिन विद्यालयों में छात्रों की संख्या 100 से कम है और प्रधानाध्यापक को सरप्लस घोषित किया गया है। वहां प्रधानाध्यापक के हटने के बाद केवल शिक्षामित्र रह जाते। ऐसे में स्पष्ट किया गया है कि प्रधानाध्यापक को तब तक कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा, जब तक उस विद्यालय में सहायक अध्यापक की तैनाती नहीं हो जाती। या विद्यालय की किसी अन्य विद्यालय के साथ पेयरिंग नहीं की जाती है।