नमस्कार मित्रों ,
आज सुबह मैंने नौ बजे याचिका फ़ाइल की, सवा दस बजे पुरज़ोर तरीक़े से मेन्शन किया गया , कोर्ट न० दो ने आदेश किया कि matter urgent है इसको लगाइए ।
आज क्या हुआ उसको सच्चाई से जानिये। आज लगभग आठ मिनट DB में बहस की गई, DB में कोर्ट convince थी लेकिन स्टेट ने objection किया और फिर डॉक्टर एल पी मिश्रा ने आकर कहा कि एकल पीठ में भी याचिका है उसको सुन लिया जाए । कोर्ट ने कहा भी कि policy matter है ये DB में ही आता है पर स्टेट के AAG ने कहा कि हम तैयार नहीं है DB के लिए सिंगल में भेज दीजिए। इस पर भी कोर्ट ने ख़ुद कहा कि ये matter ultra virus है DB में ही सुना जाता , इस पर डॉक्टर एल पी मिश्रा को क्या दिक्कत थी जब similar matter था लेकिन जब पक्ष विपक्ष के दोनों अधिवक्ता कहने लगे तो भेज दिया सिंगल में।
अब कोई इन महानुभावों से पूछो कि DB में क्यों नहीं जा सकते थे जब सरकार RTE Act से बने UPRTE rules से ऊपर जाकर कार्य कर रही है तो कोई भी policy कैसे ला सकती है। इन्होंने कल मेन्शन करवाया आज सुनवाई कराई हमने आज फ़ाइल करके आज ही सुनवाई करवाई।
एकल पीठ में इनके अधिवक्ता का मुँह नहीं खुला जब स्टेट ने कल के लिए कह दिया गौरव सर और उत्सव सर ने कहा भी कि अभी स्टेट को directions मिली हैं हमारी याचिका पर जाकर सुनवाई हो लेकिन कोर्ट नहीं मानी।
एक बात और दुष्प्रचार या कोई कुछ भी कर सकता है अपनी कमी को छिपाने के लिए परंतु हक़ीक़त सभी को पता है कि हिमांशु झूठ नहीं कहता है और न ही लिखता है। पदोन्नत्ति पर stay DB से ही लिया गया था बाक़ी सब एकल पीठ में लगे रहे लेकिन मैं लेकर आया था न, बड़ा दुःख हो रहा है कहते हुए कि ये दुष्प्रचार वो करवा रहा है जिसको सब हक़ीक़त पता है लेकिन कहते हैं समय है असली लड़ाई लड़ने का ।
कल यहीं कोर्ट में रहूँगा लखनऊ पहुँच चुका है आओ मिलते हैं , ULTRA VIRUS matter था जो कुछ लोगों की नेतागीरी के चक्कर में ख़ैर कल हमारे दोनों अधिवक्ता गौरव सर और उत्सव सर रहेंगे और आपकी याचिका पर ही मेन बहस होगी।
पहले लड़ाई बच्चों के अधिकारों और शिक्षक के अस्तित्व की है उस पर पूरा ध्यान केंद्रित है । बाक़ी इन दुष्प्रचार को भगवान के भरोसे छोड़ दिया।
#rana