03 July 2025

माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक-छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध शुरू, संगठनों ने कहा पहले दें सुविधाएं

 

प्रदेश के राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों व छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध शुरू हो गया है। माध्यमिक शिक्षक संगठनों ने कहा कि इसके लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद पहले कॉलेजों में सुविधा व संसाधन उपलब्ध कराए। ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में तो इंटरनेट सुविधा भी नहीं है।





परिषद की ओर से एक जुलाई से प्रदेश के सभी राजकीय, एडेड आदि माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों व 9वीं से 12वीं के छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश दिया है। इसमें सभी की उपस्थिति-अनुपस्थिति के साथ उसका कारण भी परिषद की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। इसका राजकीय शिक्षक संघ व माध्यमिक शिक्षक संघों ने विरोध किया है।



राजकीय शिक्षक संघ की ओर से महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र भेजकर कहा गया है कि कई राजकीय विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र में हैं। जहां पर मूलभूत सुविधाएं पानी, बिजली, मोबाइल नेटवर्क, वाई-फाई आदि सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में ऑनलाइन उपस्थिति तब तक संभव नहीं है, जब तक इसके लिए तकनीकी सुविधाएं व आवश्यक कर्मचारी न विद्यालयों को उपलब्ध न कराया जाए।


संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय ने कहा है कि विद्यालय में कोई कंप्यूटर शिक्षक की नियुक्ति नहीं है। जबकि पद सृजित हैं। अधिकांश विषयों के शिक्षक नहीं है। रमसा के विद्यालय में लिपिक, चपरासी, चौकीदार भी नहीं है। इनके बिना व्यवस्था बनाना संभव नहीं है। वहीं माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) ने भी इसका विरोध किया है।


संघ के प्रादेशिक अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह पटेल व प्रवक्ता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने शासन के उच्च अधिकारियों से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कुछ नया कर दिखाने की होड़ में इस तरह के अव्यवहारिक निर्णय लिए जा रहे हैं। क्योंकि इस व्यवस्था को प्रभावी बनाने में स्कूल प्रशासन का पूरा समय चला जाएगा। आखिर पढ़ाई कब होगी। शिक्षक नेताओं ने कहा कि विद्यालयों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस की पहले से ही व्यवस्था लागू है।

तकनीकी प्रयोग में प्रभावित होगी शिक्षा

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा कि सरकार तकनीकी प्रयोग के चक्कर में शिक्षा को खराब करना चाहती है। बिना तैयारी के अचानक छात्र-छात्राओं व शिक्षकों की दैनिक उपस्थिति की ऑनलाइन व्यवस्था करना मनमानी है। कई एडेड कॉलेजों में 1000-1200 या उससे अधिक भी छात्र हैं। इनकी प्रतिदिन की सूचना अपलोड करने में शिक्षकों का पूरा समय बर्बाद होगा, उसे पढ़ाई के लिए समय ही नहीं मिल पाएगा। संगठन इस निर्णय का पुरजोर विरोध करेगा।