राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया पिछले वर्ष की तरह इस बार भी विलंबित है।
सहायक अध्यापक से प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति देने की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है। इसमें यदि अधिक विलंब हुआ तो करीब 50 शिक्षक प्रधानाध्यापक पद पाए बिना ही 31 मार्च 2026 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। यह वे शिक्षक हैं, जो पदोन्नति पाने की श्रेणी में हैं। राजकीय शिक्षकों ने मांग की है कि पदोन्नति प्रक्रिया जल्द आरंभकी जाए, जिससे कि सेवानिवृत्ति के नजदीक वाले प्रधानाध्यापक पद से सेवानिवृत्त हो सकें। इससे उन्हें एक वेतनवृद्धि का लाभ भी मिल सकेगा। शिक्षक
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय ने बताया कि प्रतिवर्ष मिलने वाली पदोन्नति की प्रक्रिया पूर्ण किए जाने में अधिकारियों द्वारा देरी की जाती है। वर्ष 2024 में प्रधानाध्यापक के दो सौ से ज्यादा पदों पर पदोन्नति दी गई थी। पदोन्नति के क्रम में पदस्थापन आदेश 28 मार्च 2025 को जारी किया गया था। इसमें से 52 शिक्षक ऐसे थे, जिन्हें शैक्षिक सत्र के लाभ के साथ 31 मार्च 2025 को सेवानिवृत्त होना था। ऐसे में उन्होंने एक से दो दिन में तैनाती
स्थल पर कार्यभार ग्रहण किया था। इस तरह दो से तीन दिन के लिए ही वे प्रधानाध्यापक बन पाए थे। इससे उन्हें एक वेतनवृद्धि के लाभ के साथ पेंशन का लाभ भी मिला। इस स्थिति को देखते हुए शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने शिक्षा निदेशक से मांग की है कि पदोन्नति प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए, जिससे ज्येष्ठता क्रम के शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति जल्द मिल सके। पदोन्नति प्रक्रिया शुरू करने के साथ उन शिक्षकों की पिछले वर्ष की गई पदोन्नति नियमानुसार रद की जाए, जिन्होंने कार्यभार ग्रहण नहीं किया। इससे इन रिक्त पदों पर भी शिक्षकों को पदोन्नति का अवसर मिल सकेगा।