। दीपावली को बीते 10 दिन हो गए, शिक्षकों को कैशलेस उपचार की सुविधा के आदेश अब तक जारी नहीं हो सके। यह हालत तब है जबकि खुद राज्य सरकार ने सभी शिक्षकों को कैशलेस इलाज की सुविधा दीपावली से पूर्व दिलाए जाने का वादा किया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस पर बीते पांच सितम्बर को शिक्षकों, शिक्षा मित्र, अनुदेशक एवं रसोइयों को भी कैशलेस इलाज की सुविधा दिए जाने की घोषणा की थी। इससे करीब 11 लाख से अधिक परिवारों के 60 लाख से अधिक पात्रों को लाभान्वित होने वाले हैं। ऐसे में दीपावली के 10 दिन बाद भी शासनादेश जारी नहीं होने से शिक्षकों के बीच अब बेचैनी बढ़ने लगी है।
कारण वर्तमान में ही सैकड़ों शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को इलाज की जरूरत है लेकिन पैसे के अभाव में वे अपना इलाज नहीं करा पा रहे है। उदाहरण के लिए बाराबंकी जिले के बनीकोडर ब्लॉक के सहायक अध्यापक बालकरन हैं जिन्हें न्यूरो से जुड़ी बीमारी की गम्भीर समस्या है। न्यूरोलॉजिस्ट के यहां इनका इलाज चल रहा है। डॉक्टर ने ऑपरेशन को कहा है ,साढ़े तीन लाख खर्च बताया गया है। पैसों के अभाव में अभी तक आपरेशन नहीं करा पाए हैं।
यदि सरकार के कैशलेस इलाज की सुविधा मिल जाती तो इनका बेहतर इलाज हो सकता है।
मेरी जानकारी में दर्जनों ऐसे शिक्षक हैं, जिन्हें स्वयं या परिवार के सदस्य को तत्काल इलाज या आपरेशन आदि की जरूरत है लेकिन पैसे के अभाव में वह ऐसा नहीं करा पा रहे। यदि यह सुविधा जल्द शुरू हो जाएगी तो कइयों की जान बच सकती है।
-निर्भय सिंह, उपाध्यक्ष, यूपी प्राथमिक शिक्षक संघ

