बेसिक शिक्षा विभाग: जनपद और स्कूलों की एक ही रैंकिंग से तय होगी गुणवत्ता


प्रदेश में अब बुनियादी शिक्षा के अंतर्गत ऑपरेशन कायाकल्प और मिशन प्रेरणा के आधार पर जनपद और स्कूलों की एक ही रैंकिंग होगी. शासन ने अवस्थापना, बुनियादी शिक्षा व अन्य मानको पर अलग-अलग रैंकिंग न देकर केवल एक ही मेरिट बनाने का फैसला लिया है.
ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत सृजित मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं एवं मिशन प्रेरणा के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं के बुनियादी शिक्षा में प्राप्त निर्धारित अधिगम स्तर के आधार पर प्रदेश के समस्त परिषदीय विद्यालयों की श्रेणी (Ranking) तैयार की जायेगी और उसी आधार पर जनपदों रैंकिंग (Ranking) भी तैयार की जायेगी।
विद्यालयों के श्रेणी निर्धारण में 50 प्रतिशत वरीयता विद्यालय परिसर के मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं को एवं 50 प्रतिशत वरीयता छात्र-छात्राओं के SCHOOL ASSESMENT TEST में प्राप्त ग्रेड को दी जायेगी।

 अभी तक प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में  कई मानकों की अलग-अलग रैंकिंग होती थी. जिसके कारण यह भी पता नहीं लग पाता था कि कौन सा जिला शिक्षा के क्षेत्र में आगे हैं और किस जिले में अवस्थापना सुविधाएं अच्छी है. अभी एक ही रैंकिंग आधार पर पता लग सकेगा कि जिले स्कूलों के क्या हालात है और इस  रैंकिंग के आधार पर ही शासन आगे की योजनाएं तय करेगा. इस संबंध में अपर मुख्य सचिव ने आदेश जारी कर दिया है, जिसे आप नीचे लिंक की सहायता से देख सकते हैं और समझ सकते हैं कि जिले और स्कूलों की लेकिन का निर्धारण किस तरीके से होगा.
👉 GO of Star Grading: बेसिक शिक्षा विभाग में अभियान के रूप में चल रहे कार्यकर्मों में विद्यालयों एवं जनपदों की श्रेणी (Ranking) के सम्बन्ध में।