69000 शिक्षक भर्ती: उत्तरकुंजी विवाद केस में सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से किया इंकार


मामले में 3 जून को स्टे दिलाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई करने से इंकार करते हुए याचिकाकर्ता को हाइकोर्ट (High Court) जाने के लिए कहा है. गलत प्रश्नों के विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ऋषभ मिश्रा की तरफ से ये याचिका डाली गई थी.
यूपी में 69000 शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers Recruitment) मामले में 3 जून को स्टे दिलाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई करने से इंकार करते हुए याचिकाकर्ता को हाइकोर्ट (High Court) जाने के लिए कहा है. गलत प्रश्नों के विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ऋषभ मिश्रा की तरफ से याचिका डाली गई थी, जिस पर सुप्रीम में आज सुनवाई हुई.

बता दें सुप्रीम कोर्ट इससे पहले अमिता त्रिपाठी की तरफ से डाली गई SLP को खारिज कर चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच का आदेश बरकार रखते हुए 24 जून को किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने से मना करते हुए याची अमिता त्रिपाठी की तरफ से कोर्ट में दााखिल याचिका को खारिज कर दिया.

'सभी परीक्षाओं की उत्तरमाला को चैलेंज करने का एक कल्चर बन गया है'
इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा था कि पूरे देश में सभी परीक्षाओं की उत्तरमाला को चैलेंज करने का एक कल्चर बन गया है. याची अमिता त्रिपाठी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से 12 जून को सुनाए गए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

स्टे की वजह से उत्तर प्रदेश सरकार को काउंसलिंग प्रक्रिया को बीच में ही रोकना पड़ा था. यूपी सरकार ने शिक्षक भर्ती की 1 जून को कटऑफ लिस्ट जारी करके 3 जून से काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की थी. तभी उसी दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने 8 मई के बाद की सारी प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया था.उन्होंने इस मामले में यूजीसी के एक्सपर्ट से रिपोर्ट मांगी है और 6 जुलाई तक रिपोर्ट को सबमिट करने के लिए कहा था. इसके बाद सिंगल बेंच में फिर से इस मुद्दे पर सुनवाई होनी है.

12 जून को डबल बेंच ने हटा दिया है स्टे
यूपी में शिक्षकों की भर्ती में सिंगल बेंच से स्टे का आदेश आने के बाद सरकर डबल बेंच गई थी. डबल बेंच ने इस केस की सुनवाई करते हुए 12 जून को स्टे हटा दिया था. इस मुद्दे को उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पूरे केस के बारे में सुप्रीम कोर्ट को बताया था. हालांकि इस मुद्दे को यूपी के अधिवक्ता रणजीत सिंह कोर्ट को सिंगल और डबल बेंच के ऑर्डर के बारे में भी बताया. सरकार की तरफ से पक्ष सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के जज ने डबल बेंच के आदेश को सुरक्षित करते हुए आंसर शीट का केस खारिज कर दिया. उस केस के खारिज होने के बाद ऋषभ मिश्रा ने भी सुप्रीम कोर्ट में आंसर शीट के मामले में याचिका दायर कर दी थी.