झाँसी:- 3 माह की परिवर्तन लागत एवं खाद्यान्न मिलने की उम्मीद बढ़ी, बीएसए ने बीईओ से माँगा 30 सितम्बर तक का नामांकन, नामांकन के आधार पर होगा आवश्यकता का आकलन


3 माह की परिवर्तन लागत एवं खाद्यान्न मिलने की उम्मीद बढ़ी, बीएसए ने बीईओ से माँगा 30 सितम्बर तक का नामांकन, नामांकन के आधार पर होगा आवश्यकता का आकलन
झाँसी : परिषदीय विद्यालयों में के अध्ययनरत हजारों विद्यार्थियों को न अब सितम्बर माह तक की तीन की माह की परिवर्तन लागत एवं खाद्यान्न मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। बीएसए ने समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारियों से कोरोना काल में लॉकडाउन की अवधि में खाद्य सुरक्षा भत्ता के अन्तर्गत लाभान्वित हुए विद्यार्थियों की संख्या के साथ- साथ 30 सितम तक का नामांकन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं ताकि धनराशि एवं खाद्यान्न की आवश्यकता का आकलन किया जा सके। कोरोना काल में बच्चों के लिए बन्द किए गए परिषदीय विद्यालयों में अभी भी शिक्षण कार्य शुरू नहीं हो सका है। शिक्षक तो विद्यालय जा रहे हैं किन्तु बच्चों को विद्यालय जाने की अनुमति नहीं है। लॉकडाउन की घोषणा के बाद शासन द्वारा निर्णय लिया था कि बच्चों को लॉकडाउन एवं ग्रीष्मावकाश की अवधि में मध्याह्न भोजन योजना के अन्तर्गत खाद्य सुरक्षा अधिनियम तहत खाद्य सुरक्षा भत्ता उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अन्तर्गत परिषदीय विद्यालयों में नामांकित बच्चों को एमडीएम की परिवर्तन लागत एवं खाद्यान्न देने की घोषणा की गई थी। कुल 76 दिनों की परिवर्तन लागत बच्चों के अभिभावकों के बैंक खातों में भेज दी गई है। कोटेदारों के माध्यम से खाद्यान्न भी उपलब्ध कराया गया। हालाँकि यह कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है।

कई विद्यालयों में परिवर्तन लागत की 2 किस्त भेजी गई किन्तु इनसे सभी बच्चे लाभान्वित नहीं हो सके। शिक्षकों के साथ साथ अवशेष बच्चों को भी अगली किस्त का इंतजार है। यही हाल खाद्यान्न का भी है। अनेक बच्चे अभी भी खाद्यान्न से वंचित हैं। बीएसएफ हरिवंश कुमार ने समस्त बीईओ से सूचना तलब की है कि खाद्य सुरक्षा भत्ता के अन्तर्गत कितने बच्चों को परिवर्तन लागत एवं खाद्यान्न उपलब्ध करा दिया गया है। 30 सितम्बर तक कुल कितने नए नामांकन हुए हैं यह सूचना उपलब्ध होते है परिवर्तन लागत एवं खाद्यान्न की आवश्यकता का आकलन कर लिया जाएगा। ग्रीष्म अवकाश के बाद जुलाई से सितम्बर माह तक विद्यालयों में एमडीएम के चूल्हे ठंडे ही पड़े हैं। बच्चों के साथ साथ उनके अभिभावकों को उम्मीद है कि सरकार जुलाई से सितम्बर तक की परिवर्तन लागत एवं खाद्यान्न भी दे सकती है। हालाँकि अभी तक इस सम्बन्ध में कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं किया गया है।