गूगलगीट, व्हाट्सएप पर होगा परिषदीय स्कूलों का निरीक्षण, बच्चों के लिए चल रहे ऑनलाइन कार्यक्रमों की करेंगे समीक्षा एआरपी, इन सवालों का शिक्षको को देना होगा जवाब


कोरोना संक्रमण के कारण परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था को ठीक रखने के लिए पिछले एक साल से आनलाइन कक्षाएं व्हाट्स एप के जरिए संचालित हो रही हैं। इस कक्षाओं की समीक्षा के लिए अब गूगलमीट के जरिए विद्यालय के शिक्षक जुड़कर एआरपी के सवालों का जवाब दें गे। जिसके आधार पर विद्यालयों की जानकारी प्रेरणा पोर्टल पर एआरपी दर्ज करेंगे। सितम्बर 209 को प्रदेश के कितने अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन है ? कितने बच्चों के पास टीवी देखने की सुविधा है ? कितने बच्चे व्हाट्स एप ग्रुप से जुड़ हैं? कितने बच्चे दूरदर्शन पर प्रेषित सामग्री देख रहे हैं? कितने अभिभावकों ने अपने मोबाइल में प्रेरणा लक्ष्य एप डाउनलोड किया है ?




कितने बच्चों ने मोबाइल में दीक्षा एप डाउनलोड किया है ? पिछले दो हफ्तों में कितने बच्चों से शिक्षक ने कम से कम एक बार सम्पर्क किया ? स्वयंसेवकों को भी ये जोड़ने तथा उनके मोबाइल पर प्रेरणा, दीक्षा एप, ईपाठशाला आदि की जानकारी शिक्षकों को देनी होगी। मुख्यमंत्री ने मिशन प्रेरणा की शुरुआत बेसिक शिक्षा के लिए की थी। इसके तहत बच्चों को निर्धारित किए गए प्रेरणा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए पूरी रुप रेखा तैयार की गयी थी। मिशन प्रेरणा के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए न्याय पंचायतवार संकुल शिक्षक बनाए गए तो ब्लाक स्तर पर विषयवार एआरपी का भी चयन शासन स्तर सेकिया गया। कोरोना के कारण विद्यालय बंद हुए तो ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था की गयी। इस वर्ष भी कोरोना के कारण बंद विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों को आनलाइन दीक्षा, प्रेरणा, रिडएलांग, ई. पाठशाला, दूरदर्शन प्रसारण के शिक्षा दी जा रही है। एआरपी मिशन प्रेरणा के दोनों बिन्दुओं कायाकल्प तथा शिक्षण व्यवस्था की समीक्षा प्रेरणा एप के जरिए करते हैं । जिसमें शिक्षकों के साथ सेल्फी भी अपलोड की जाती थी। विद्यालय बंद होने के कारण अब उसमें बदलाव करते हुए एआरणपी अपने संबंधित विद्यालयोंकी समीक्षा गुगल मीट तथा व्हाट्स
एपग्रुप के जरिए करनी होगी।