प्रयागराज : प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) और प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी)-2021 में तदर्थ शिक्षकों के पद पर चयनित हुए कई शिक्षक सात महीने बाद भी नियुक्ति की प्रतीक्षा में हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वर्ष 2021 की परीक्षा कराने के बाद पैनल आवंटित कर दिया, लेकिन तदर्थ शिक्षकों वाले पदों पर नियुक्ति अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। प्रदेश के कई अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत तदर्थ शिक्षक उसी विद्यालय में विनियमित किए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद तदर्थ शिक्षकों को विनियमित किए जाने के बजाय योग्यतानुसार टीजीटी और पीजीटी परीक्षा में सम्मिलित होने के निर्देश दिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने वर्ष 2021 की टीजीटी व पीजीटी परीक्षा कराई। परिणाम जारी कर 31 अक्टूबर तक चयनितों को विद्यालय आवंटित कर दिया। इसमें तदर्थ शिक्षक के पदों पर 205 अभ्यर्थी चयनित हुए थे।
चयन बोर्ड ने इनके पैनल आवंटित किए, लेकिन उन्हें वहां नियुक्ति नहीं मिली। बाद में जिला विद्यालय निरीक्षकों के दबाव में कुछ को नियुक्ति मिल गई। कई अभी भी नियुक्ति के लिए जिला विद्यालय निरीक्षकों के चक्कर लगा रहे हैं। इन्हीं में एक हैं विनोद कुमार। इनका चयन बलिया जिले में दलनछपरा स्थित महात्मा गांधी इंटर कालेज के लिए हुआ। वहां कार्यभार ग्रहण नहीं कराया गया।
जिला विद्यालय निरीक्षक ने दो बार विद्यालय प्रबंधतंत्र को पत्र लिखा, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। कई जिला विद्यालयों ने ऐसे चयनित शिक्षकों के समायोजन का प्रस्ताव चयन बोर्ड को भेजा, लेकिन चयन बोर्ड ने समायोजन से इन्कार कर दिया। चयन बोर्ड सचिव नवल किशोर के मुताबिक यह भर्ती सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विशेष तौर पर तदर्थ शिक्षकों के लिए हुई थी, इस कारण बोर्ड ने निर्णय लिया था कि तदर्थ शिक्षकों के पदों पर चयनितों का समायोजन नहीं किया जा