शिक्षक साथी बनने से किनारा कर रहे सेवानिवृत्त शिक्षक



बुलंदशहर, बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों और कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में शैक्षणिक गुणवत्ता देखने व बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए रखे जाने वाले शिक्षक सारथी विभाग को नहीं मिल रहे हैं। शैक्षिक सहयोगात्मक पर्यवेक्षण प्रदान करने के लिए कोई शिक्षक साथी बनने को तैयार नहीं है। जिले में करीब 2500 से अधिक सेवानिवृत्त परिषदीय शिक्षक पेंशन ले रहे हैं लेकिन किसी ने भी शिक्षक साथी बनने के लिए आवेदन नहीं किया। विभाग भी इससे पूरी तरह से अनजान है और आवेदन के लिए प्रकि्रया तक शुरू नहीं हुई है। प्रमुख सचिव ने 28 सितंबर को जिले के सभी बीएसए को एक महीने में शिक्षक साथी चयन के आदेश दिए थे। बताया गया कि यह शिक्षक सारथी जिले के बेसिक स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों का सहयोग करेंगे, इसके अलावा बच्चों एवं अभिभावकों केा भी शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य करेंगे। मगर जिले में विभाग को अभी तक कोई शिक्षक सारथी नहीं मिला है। इसमें 70 साल तक के सेवानिवृत्त शिक्षकों का तीन चरणों की परीक्षा के आधार पर चयन होना है। हिन्दी, गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन और अंग्रेजी विषय के लिए चयनित शिक्षक साथियों को 2500 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। एक साल के लिए चयनित शिक्षक साथियों का हर साल प्रदर्शन के आधार पर नवीनीकरण होगा। बीएसए ने बताया कि जल्द जिले में शिक्षक सारथी का चयन कर लिया जाएगा।


इस पर कार्य करेंगे शिक्षक सारथी

-शिक्षक साथी हर महीने न्यूनतम 30 स्कूलों का सहयोगात्मक पर्यवेक्षण करेंगे।

-दीक्षा और रीड एलांग एप के प्रयोग के लिए बच्चों-अभिभावकों को प्रेरित करेंगे।

-प्रिंटरिच सामग्री, टीएलएम, मैथ्स एवं साइंस किट्स, लाइब्रेरी बुक्स आदि का प्रयोग सुनिश्चित कराएंगे।

-जेंडर, समता-समानता, जीवन कौशल शिक्षा, पर्यावरण, आत्मरक्षा, आपदा प्रबंधन जैसे मुद्दों पर शिक्षकों को संवेदनशील बनाएंगे।

शिक्षक सारथी के बनाने के लिए जिले में जल्द प्रकि्रया को शुरू कर दिया जाएगा। सेवानिवृत्त शिक्षकों से इसके लिए आवेदन लिए जाएंगे। जिले के एक स्कूल में एक-एक सारथी का चयन होना है। शासन की जो गाइड लाइन है उसी के आधार पर शिक्षक सारथी बनाए जाएंगे।

-बीके शर्मा, बीएसए

-------- सिराज सैफी