जौनपुर : विद्यालय 26, शिक्षक 21, छात्र 36302, नगर क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों का यह आंकड़ा प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था की कलई खोल रहा है। शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए न तो नियुक्ति की गई और न ही ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों का समायोजन हुआ। खामी के चलते जूनियर हाईस्कूल में एक भी शिक्षक पढ़ाने के लिए नहीं बचे हैं। व्यवस्था में खामी के कारण विभिन्न योजनाओं के जरिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाने के बाद भी बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है। अभिभावक नामांकन कराकर अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं।
नगर क्षेत्र में परिषदीय शिक्षा व्यवस्था ज्यों-ज्यों दवा की, मर्ज बढ़ता गया, की कहावत को चरितार्थ कर रही है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत मध्याह्न भोजन योजना, निश्शुल्क ड्रेस व किताबों का वितरण, मुफ्त पढ़ाई, उपचार आदि की सुविधा मिलने के बाद भी छात्रों की संख्या निरंतर कम होती जा रही है। नामांकन कराने वाले छात्रों को
भी गुणवत्तायुक्त शिक्षा नहीं मिल पा रही है। सबसे विकट स्थिति नगर क्षेत्र के विद्यालयों की है। गत कई साल से नियुक्ति न होने के कारण जूनियर हाईस्कूल शिक्षक विहीन हो गए हैं, वहीं प्राथमिक विद्यालयों में भी सिर्फ 21 शिक्षक बचे हैं। ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। बच्चों का भविष्य देख अधिकांश अभिभावक नामांकन नहीं करा रहे हैं। अनुदेशकों, शिक्षामित्रों के भरोसे किसी तरह काम चलाया जा रहा है।
नगर क्षेत्र के विद्यालयों में लंबे
समय से नियुक्ति न होने के कारण शिक्षकों की कमी है। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात सात अनुदेशकों के अतिरिक्त प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों से किसी तरह काम चलाया जा रहा। जुलाई में नई समायोजन नीति लागू होने वाली है। इससे नगर क्षेत्र की समस्या का काफी हद तक समाधान हो जाएगा।
- डा. गोरखनाथ पटेल, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।