प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की कई भर्तियों को नए अध्यक्ष का इंतजार है। एक सप्ताह में नए अध्यक्ष की नियुक्ति की उम्मीद है। आयोग में तो यह भी चर्चा है कि बुधवार को नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा की जा सकती है। इसके बाद आयोग की प्रक्रियागत भर्तियों का भविष्य तय हो पाएगा।
प्रो.कीर्ति पांडेय ने पिछले महीने की 22 तारीख को अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे बने गतिरोध के बाद विज्ञापन संख्या 51 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के 1310 पदों का साक्षात्कार तय तारीख से एक दिन पहले स्थगित कर दिया गया। इसके अलावा 15 व 16 अक्तूबर को प्रस्तावित प्रवक्ता भर्ती परीक्षा भी स्थगित कर दी गई।
आयोग की ओर से जनवरी में शिक्षक पात्रता परीक्षा एवं टीजीटी भी प्रस्तावित है। ऐसे में भर्तियों एवं
परीक्षाओं का भविष्य आयोग के नए अध्यक्ष की नियुक्ति पर निर्भर है। नए अध्यक्ष के लिए 21 अक्तूबर तक आवेदन मांगे गए थे। इस पद के लिए पूर्व कुलपतियों के अलावा कई प्रशासनिक अफसरों के भी आवेदन आने की बात कही जा रही है।
जनवरी में ही टीईटी कराने की तैयारी
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की ओर से पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत जनवरी में ही शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कराने की तैयारी है। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी क्वालिफाई करना अनिवार्य है। इसके अलावा बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों के लिए भी यह अनिवार्य कर दिया गया है। इसलिए शिक्षकों एवं प्रतियोगियों को टीईटी का इंतजार है। ऐसे में प्रो. कीर्ति पांडेय के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद बने गतिरोध से प्रतियोगियों में निराशा की स्थिति है। अध्यक्ष का पद खाली होने की वजह से टीईटी के भी स्थगित होने की आशंका बन गई है। हालांकि, आयोग के अफसरों का हना है कि तय तारीख पर ही टीईटी कराने की पूरी तैयारी है।
व्यवहार की कसौटी पर भी परखे जाएंगे यूपीपीएससी के विशेषज्ञ
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के पैनल में शामिल विशेषज्ञ सार्वजनिक स्थलों पर किए जाने वाले व्यवहार की कसौटी पर भी परखे जाएंगे। इसके लिए आयोग की ओर से गाइडलाइन भी तैयार की गई है। इसके तहत आयोग संग विशेषज्ञों को भी गोपनीयता बरतनी होगी कि उनके नाम सार्वजनिक न होने पाएं। आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 का पेपर आउट होने के बाद आयोग ने कई सख्त कदम उठाए हैं। नई गाइडलाइन के तहत परीक्षा की पूरी व्यवस्था ही बदल दी गई है। एआई आधारित कंट्रोल रूम की स्थापना के साथ हर परीक्षा केंद्र को एक सेक्टर में तब्दील करने का निर्णय लिया गया है।

