यूपी में कड़ाके की ठंड और भीषण शीतलहर को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश से सभी बोर्डों (आईसीएसई, सीबीएसई और यूपी बोर्ड) के कक्षा 12वीं तक के स्कूलों को 1 जनवरी तक बंद कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि शीतलहर के दौरान बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री के इस आदेश के आधार पर अब 29 दिसंबर से 1 जनवरी तक प्रदेश में सभी परिषदीय प्राथमिक विद्यालय से लेकर सहायता प्राप्त विद्यालय एवं सभी बोर्डों से मान्यता प्राप्त विद्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। वहीं बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 31 दिसम्बर से 14 जनवरी तक शीतावकाश की तैयारी है। यानि प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 15 जनवरी से ही पढ़ाई शुरू हो सकेगी।
बता दें कि लखनऊ समेत कई जिलों के जिलाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पृथक से भी स्कूलों के बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। बता दें कि परिषदीय विद्यालयों के लिए 15 दिन का शीतावकाश शैक्षिणक कैलेंडर में निर्धारित किया गया था। यह 31 दिसम्बर से 14 जनवरी तक होता है। संयोग से मकर संक्रांति का महापर्व भी हर साल 14 या 15 जनवरी को पड़ता है।
माना जाता है कि इस दिन से मौसम में बदलाव शुरू हो जाता है। इस दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं जिसे उत्तरायण कहते हैं। इससे दिन लंबे होने लगते हैं और धीरे-धीरे सर्दी कम होती जाती है। यह कृषि के चक्र में बदलाव का भी प्रतीक है। यह पर्व सर्दी के दिनों के बीतने और हल्के गर्म दिनों की शुरुआत का संकेत लेकर आता है। इससे मौसम में बदलाव महसूस होने लगता है। मकर संक्रांति को पूर्वी उत्तर प्रदेश में खिचड़ी पर्व के रूप में भी मनाते हैं।
मैदान में उतरें अफसर, सुनिश्चित करें व्यवस्थाएं
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शासन और प्रशासन के आला अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे खुद क्षेत्रों में घूमें और जमीनी हकीकत का जायजा लें। उन्होंने कहा कि भीषण ठंड को देखते हुए हर जिले के सार्वजनिक स्थलों पर अलाव और कंबलों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। यह भी सुनिश्चित होना चाहिए कि कोई खुले में न सोए। सीएम ने रैन बसेरों के संचालन को लेकर अधिकारियों को विशेष हिदायत दी है। कहा है कि सभी रैन बसेरों में बिछौने, कंबल और साफ-सफाई समेत सभी आवश्यक सुविधाएं पुख्ता की जाएं। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जरूरतमंदों को समय पर राहत सामग्री और आश्रय प्राप्त हो।

