प्रदेश भर के कई केंद्रों पर कक्षा छह से आठवीं तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं का पूर्णांक 30 या 50 है, इस पर संशय बना है। शिक्षा निदेशक (बेसिक) प्रताप सिंह बघेल ने 10 नवंबर 2025 को दिए आदेश में 50 पूर्णांक का प्रश्न पत्र तैयार करने का आदेश दिया था। वहीं, बेसिक शिक्षा विभाग की और से शिक्षकों के वाट्सएप ग्रुप पर पूर्णांक 30 के हिसाब से ही मूल्यांकन का निर्देश है। यही नहीं, कक्षा सात के गणित और हिंदी में कुछ गलत प्रश्न पूछे जाने की बात भी सामने
आ चुकी है। इनका मूल्यांकन कैसे होगा, इस पर भी कोई स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं मिले हैं।
सवाल : परीक्षा 50 अंक की होनी थी तो वाट्सएप ग्रुप पर 30 अंक में मूल्यांकन के निर्देश क्यों
अर्द्धवार्षिक परीक्षा के प्रश्न पत्र तैयार कराने की जिम्मेदारी सभी जगह जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की है। मुरादाबाद के डायट प्राचार्य व एडी बेसिक बुद्धप्रिय सिंह का कहना है कि शासनादेश में 50 अंक का ही उल्लेख है, इसलिए प्रश्न पत्र उसी
अनुसार बने। हालांकि, शिक्षकों के वाट्सएप ग्रुप पर 30 पूर्णांक में मूल्यांकन का संदेश क्यों भेजा गया, इस सवाल पर वह चुप्पी साथ लेते हैं। शिक्षा विभाग के जुड़े लोग शासनादेश में ही मानवीय त्रुटि से पूर्णांक गलत होने की आशंका जता रहे। इसके पीछे उनके दो तर्क हैं। पहला, पिछले कई वर्षों से अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं 30 पूर्णांक की हो रही हैं। दूसरा, यदि अर्द्धवार्षिक
परीक्षा 50 अंकों की मान भी लें, तो वार्षिक परीक्षा के साथ मिलाकर पूरे सत्र का मूल्यांकन 120 अंकों का हो जाएगा, जबकि इस बाबत कोई दिशा-निर्देश पहले नहीं जारी हुए। कुल मिलाकर विभागीय स्तर पर शासन से स्थिति स्पष्ट कराने की कोई ठोस पहल होती नजर नहीं आ रही। बेसिक शिक्षा अधिकारी विमलेश कुमार का कहना है कि अर्धवार्षिक परीक्षा का पूर्णांक 50 या 30, यह शासन स्तर से पता करेंगे। हम नहीं बता सकते कि शासनादेश में गलती है या ठीक है। गलत सवाल हटाकर विद्यार्थियों को अंक देने का निर्देश जारी करेंगे।

