बेसिक शिक्षा में फर्जीवाड़े पर कार्रवाई तेज, नौकरी के बाद 3,342 ने बदला पैन, होगी जांच

यूपी शिक्षा विभाग में लगातार सामने आ रहे फर्जीवाड़े को लेकर अब राज्य सरकार सख्त हो गई है. सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर अब बेसिक शिक्षा विभाग फर्जीवाड़े के नेक्सस को तोड़ने के लिए मंडलवार समीक्षा करने जा रहा है. बेसिक शिक्षा विभाग के इस अभियान की शुरुआत आज से हो रही है.


सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच के व्यापक आदेश दिए हैं. मंडलीय समीक्षा के लिए हर जिले का एक दिन निर्धारित किया गया है. कोरोना संकट और सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ये समीक्षा की जाएगी.  इसमें एसआईटी की जांच में फर्जी-टेम्पर्ड शिक्षकों को लेकर की गई कार्रवाई की प्रगति भी देखी जाएगी. कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में काम कर रहे शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के शैक्षिक प्रमाणपत्र और निवास प्रमाणपत्र के जांच की रिपोर्ट भी समीक्षा में देखी जाएगी.

लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग में 3,342 शिक्षकों-कर्मचारियों ने नौकरी में आने के बाद अपना पैन कार्ड बदला है। विभाग ने इनकी सूची जांच के लिए एसटीएफ को सौंप दी है। शिक्षक भर्ती सहित अन्य पदों पर फर्जीवाड़े की जांच और तेज कर दी गई है। सोमवार से मंडलवार अब तक हुई कार्रवाई की समीक्षा की जाएगी। अपर मुख्य सचिव बेसिक रेणुका कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।

शिक्षा विभाग में फर्जी भर्तियों को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने व्यापक जांच करवाने के निर्देश दिए थे। बेसिक शिक्षा में पहले से ही एसआईटी और एसटीएफ अलग-अलग स्तर पर फर्जी दस्तावेज पर शिक्षकों की नियुक्ति व फर्जीवाड़े की जांच कर रही है। पिछले सप्ताह अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी और अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा की अगुआई में संयुक्त बैठक हुई। इसमें एसआईटी ने जो दस्तावेज मांगे थे उसे समयबद्ध ढंग से उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए हैं।


आज से हर मंडल की होगी समीक्षा
4 जुलाई तक चलेगी समीक्षा : रेणुका कुमार ने सोमवार से नियुक्तियों की जांच की समीक्षा के संदर्भ में सभी जिलों को एजेंडा भेजा है। 4 जुलाई तक मंडलवार समीक्षा जिलों में बनी जांच कमेटियों के साथ की जाएगी। इसमें एसआईटी व एसटीएफ की जांच में फर्जी पाए गए शिक्षकों पर हुई कार्रवाई, कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में सत्यापन व उसके आधार पर की गई कार्रवाई और वेतन से जुड़े डाटा में गड़बडियों के आधार पर उठाए गए कदमों की समीक्षा शामिल है।

वहीं, बेसिक शिक्षा परिषद के एडेड स्कूलों का विवरण भी मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसके आधार पर हुए सत्यापन में अनियमितता मिलने पर जांच का दायरा बढ़ सकता है। एसआईटी ने स्कूलों में संबद्ध शिक्षकों की जो सूची दी थी उसमें 342 पोर्टल पर मैच किए जाने के बाद संदिग्ध पाए गए हैं।


दिव्यांग श्रेणी की नियुक्तियों की भी जांच
बेसिक शिक्षा विभाग में दिव्यांग श्रेणी के तहत जो नियुक्तियां हुई हैं उसकी जांच भी एसटीएफ करेगी। इसमें विकलांगता की श्रेणी, उससे जुड़े दस्तावेज की वैधता शामिल है। 2013-14 या उसके बाद डॉयट्स पर हुई नियुक्तियों और 2009 से 2016 के बीच संस्कृत विश्वविद्यालय से प्राप्त डिग्री पर नौकरी पाने वालों की कुंडली खंगालने की जिम्मेदारी एसआईटी को दी गई है।


नजरिया
शिक्षा विभाग की भर्तियों में आए दिन गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। सरकार इस मसले को लेकर संजीदा है और जांच एजेंसियां पड़ताल में जुटी हैं। सिंडिकेट का पूरी तरह खुलासा होना जरूरी है...और यह काम जितना जल्द हो उतना बेहतर होगा। शिक्षा को फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार से मुक्त करवाना ही होगा।