69000 भर्ती:- एक हफ्ते में होनी थी शिक्षकों की भर्ती, अफसरों के रवैये से दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं अभ्यर्थी



लखनऊ. सूबे में अधिकारियों को मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री के आदेशों की भी परवाह नहीं है. शायद यही वजह है कि जिस भर्ती को मुख्यमंत्री ने एक हफ्ते में पूरा करने के निर्देश दिए थे, उसे पूरा करना तो दूर, उसका काउंसलिंग शेड्यूल तक 20 दिन में भी नहीं आ पाया. बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के 31,661 पदों पर भर्ती की राह तक रहे अभ्यर्थी एक बार फिर अधिकारियों के दरवाजे पर पहुंचे. लेकिन उन्हें मिला तो सिर्फ आश्वासन और पुलिस के धक्के.



एक हफ्ते में भर्ती होनी थी पूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग की 69 हज़ार सहायक अध्यापक भर्ती में से 31661 पदों पर भर्ती के निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री ने 19 सितंबर को दिए निर्देश में साफ कहा था कि ये भर्ती एक हफ्ते में पूरी की जाए. इसके बाद 24 सितंबर को अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार ने शासनादेश भी जारी कर दिया. लेकिन आज 9 अक्टूबर तक भी इस भर्ती का काउंसलिंग शेड्यूल तक नहीं आया. इसी को लेकर भर्ती के लिए चयनित अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा निदेशालय पहुंचे. अभ्यर्थी सवाल कर रहे थे कि यूपी में एक हफ्ते में आखिर कितने दिन होते हैं? धरना दे रहे अभ्यर्थियों को पुलिस ने हिरासत में लेकर ईको गार्डन भेज दिया.




31661 पदों पर होनी है भर्ती


असल मे सहायक अध्यापक के 69 हज़ार पदों पर भर्ती के लिए 6 जनवरी 2019 को सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा का आयोजन हुआ था. परीक्षा के अगले दिन शासन ने परीक्षा के लिए मिनिमम मार्क्स तय कर दिए. इसमे सामान्य वर्ग के लिए 65 फीसदी और आरक्षित वर्ग के लिए 60 फीसदी अंक तय किये गए. यहीं से सारा विवाद शुरू हुआ. शिक्षामित्र और कुछ अन्य अभ्यर्थी इस मामले को हाइकोर्ट ले गए. कहा गया कि परीक्षा के बाद न्यूनतम अंक तय करना गलत है. वहीं, कुछ अभ्यर्थी 40 और 45 फीसदी न्यूनतम अंक निर्धारित करने की मांग कर रहे हैं. इसमें रामशरण मौर्य बनाम राज्य सरकार मामले में हाईकोर्ट ने 29 मार्च को राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया. लेकिन इसके विरोध में शिक्षामित्र सुप्रीम कोर्ट चले गए. हाल ही में 19 सितंबर को सरकार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के 21 मई 2020 के अंतरिम आदेश में राज्य सरकार को ये कहा गया है कि वो चाहे तो शिक्षामित्रों द्वारा धारित सहायक अध्यापकों के पदों को छोड़कर बाकी पदों पर भर्ती पूरी कर सकती है. इस हिसाब से शिक्षामित्रों के लिये निर्धारित 37,339 पदों को फिलहाल नहीं भरा जाएगा. बाकी 31661 पदों पर एक हफ्ते में भर्ती होगी. मुख्यमंत्री के आदेश पर भी आखिर अब तक भर्ती क्यों नहीं हुई, इसका जवाब जानने के लिए एबीपी गंगा की टीम अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार के यहां पहुंची. लेकिन पता चला कि अपर मुख्य सचिव अभी छुट्टी पर हैं.


आलाअधिकारी भी नहीं देते संतोषजनक जवाब
अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार से जब उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया तो उन्होंने इतना ही कहा कि फिलहाल वो लीव पर हैं. भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी होगी. साथ ही कहा कि इस विषय मे डीजी स्कूल एजुकेशन विजय किरण आनंद से संपर्क करें. डीजी स्कूल एजुकेशन यानी वो पद जिसे सरकार ने कुछ समय पहले इसीलिए सृजित किया था, जिससे मुख्यमंत्री की प्राथमिकता के विभाग बेसिक शिक्षा परिषद की तस्वीर बदल सके. एबीपी गंगा की टीम डीजी स्कूल एजुकेशन विजय किरण आनंद के यहां पहुंची. आखिर सवाल प्रदेश के हज़ारों युवाओं के भविष्य का जो है. लेकिन यहां भी निराशा ही मिली. डीजी ने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इनकार किया. सिर्फ इतना कहा की जल्द प्रक्रिया पूरी होगी. हर कोई यही बोल रहा कि विभाग की पूरी तैयारी है. बस टेक्निकल सपोर्ट के लिए NIC की हरी झंडी का इंतज़ार है. न जाने ये हरी झंडी कब मिलेगी?