डरा धमकाकर शिक्षकों का जबरन बीमा करने वाले बीईओ की होगी जांच, खंगाला जाएगा बीमा एकाउंट, जानें क्या है मामला


 शासन के आदेश पर दो  सदस्यीय टीम करेगी मामले की जांच
गोंडा। शिक्षकों का बीमा करने के मामले की जांच शुरू हो गई है। तीन जिलों में बीईओ की तैनाती रही है। उनके कार्यकाल के दौरान शिक्षकों के हुए बीमा की जांच होगी जिसमें शिक्षकों के बयान भी दर्ज होंगे। इससे पहले बीमा कंपनी से उनकी पत्नी के एकाउंट की पड़ताल होगी कितने बीमा कहां के लोगों के हुए हैं। शासन के आदेश पर दो सदस्यीय टीम मामले की जांच कर रही है। सहायक शिक्षा निदेशक विनय मोहन वन ने बताया कि बीईओ के तैनाती वाले ब्लाकों के शिक्षकों से जानकारी की जाएगी।

इसके पूर्व बीमा कंपनी से हुए बीमा की रिपोर्ट तैयार होगी बताया कि पूर्व में मामले की जांच हुई थी। अब शासन ने दो मंडल के अधिकारियों को जांच सौंपी है।


जिले में तैनात खंड शिक्षा अधिकारी राम प्रताप सिंह जांच के दायरे में आ गए हैं। पत्नी के नाम से बीमा एजेंसी संचालित करने का आरोप है। साथ ही शिक्षकों से जबरन बीमा कराने का आरोप है। पूर्व में देवीपाटन मंडल के सहायक शिक्षा निदेशक ने जांच की थी। जिसमें बहराइच जिले के जरवल ब्लॉक की शिक्षिकाओं ने आरोप लगाया था। जांच में शिक्षकों की ओर से पूरे साक्ष्य नहीं दिए गए थे।


यही नहीं करनैलगंज ब्लॉक के शिक्षकों की ओर से लगाए गए आरोप में शिक्षकों ने बीमा के लिए दबाव बनाने से इंकार कर दिया था जिससे जांच पूरी ही नहीं हो सकी थी। अब शासन ने नए सिरे से जांच के आदेश दिए है। अयोध्या व देवीपाटन मंडल के अधिकारियों को जांच सौंपी गई है। विभाग की मानें तो आरपी सिंह साल 2017 से पहले बहराइच के अरवल ब्लॉक में तैनात थे। उससे पहले बाराबंकी जिले में कार्यरत थे। इससे गोडा के साथ ही इन दोनों जिलों में जाच होगी एडी बेसिक शिक्षा ने बताया कि हर जिले से रिपोर्ट ली जा रही है। पूर्व की शिकायतों को भी खंगाला जा रहा है।

जिले में तीन ब्लॉकों में रह चुके हैं तैनात

जिले के तीन ब्लॉकों में खंड शिक्षा अधिकारी राम प्रताप सिंह रह चुके हैं। सबसे पहले उनकी तैनाती परसपुर ब्लॉक में हुई थी। इसके बाद उन्हें करनैलगंज ब्लॉक का प्रभार मिला। जहां पर वह लंबे समय तक तैनात रहे यहाँ पर शिक्षक संगठन की और से शिकायत की गई। लेकिन उस समय अधिकतर शिक्षक बीईओ के पक्ष में ही रहे। वर्तमान में वह कटरा बाजार ब्लॉक में तैनात हैं। बताया जा रहा है कि जांच के आदेश की जानकारी होने पर अधिकारी पूर मामले को खंगाल रहे हैं।