कायाकल्प से कुछ विद्यालयों की बदली सूरत


 लाटघाट आपरेशन कायाकल्प की छांव अधिकांश परिषदीय स्कूलों तक नहीं पहुंची है। विद्यालय के बदहाल भवन व शौचालय अफसरों के दावों को मुंह चिढ़ा रहे हैं। इसकी हकीकत सब सामने आई जब अमर उजाला की टीम ने परिषदीय विद्यालयों की पड़ताल की इस दौरान कई विद्यालयों की सूरत बदली नजर आ रही थी तो की कुछ चदहाली कायाकल्प योजना को मुंह चिढ़ा रही थी।



परिषदीय विद्यालयों में फैली अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए कायाकल्प योजना शुरू की गई। है। इस योजना के तहत 19 बिंदुओं पर विद्यालय में काम होना है। जिसमें विद्यालय में फर्नीचर, रंगाई पुताई, पेयजल के साधन, शौचालय, मंत्रालय, बिजली कनेक्शन, स्कूल तक पहुंचने का मार्ग आदि शामिल है। बेसिक शिक्षा विभाग के पास सभी विद्यालयों का कायाकल्प करने में बजट की कमी आ रही थी इस पर कायाकल्प करने की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग व ग्राम पंचायतों को दे दी गई थी। इस पर

दोनों विभाग मिलकर बेहतर तरीके से काम भी कर रहे हैं। कुछ विद्यालयों की सूरत तो बदल गई लेकिन कुछ की हालत बद से बदतर है।