उत्तर प्रदेश की 58189 ग्राम पंचायतों में आम आदमी के दरवाजे बैकिंग सेवा पहुंचाने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन 3534 ग्राम पंचायतों के लिए बीसी सखियों (बैंकिंग करेस्पांडेंट सखी) का चयन करने जा रहा है। इसमें स्वयं सहायता समूह की सदस्य महिलाओं को चयन में वरीयता मिलेगी। इच्छुक महिलाएं 10 जून तक आवेदन कर सकती हैं।
रिजर्व बैंक आफ इंडिया की ओर से संचालित बैंकों की गांवों में प्रतिनिधि होंगी बीसी सखी। वे माइक्रो एटीएम के माध्यम से बैंकिंग सेवाएं आम लोगों तक पहुंचाएंगी। सखियों के माध्यम से गांवों में ही वित्तीय लेन-देन में आसानी होने के साथ ही काम धंधे में भी तेजी आएगी। इसके अलावा समय और धन की भी बचत होगी। प्रदेश सरकार आजीविका मिशन के तहत हर गांव में एक बीसी सखी की नियुक्ति कर रही है, इन दिनों 3534 गांवों में बीसी सखी के पद रिक्त हैं, अब उन्हें भरने की तैयारी है।
मिशन निदेशक भानुचंद्र गोस्वामी ने बताया कि इच्छुक महिलाओं को गूगल प्ले स्टोर से यूपी बीसी सखी मोबाइल एप डाउनलोड करना होगा। आवेदन करते समय महिलाएं अपना मोबाइल नंबर ही भरें ताकि उनका ओटीपी के माध्यम से सत्यापन हो सके। गलत तथ्य व भ्रामक उत्तर देने पर आवेदन स्वीकार नहीं होगा।
अभ्यर्थी एक से अधिक बार आवेदन न करें अन्यथा सभी आवेदन स्वीकार होंगे। अंतिम तारीख 10 जून तय की गई है। रिक्त ग्राम पंचायतों की सूची वेब लिंक भी जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि 18 से 50 वर्ष की आयु तक महिलाएं आवेदन कर सकती हैं, यदि वे स्वयं सहायता समूह की सदस्य होंगी तो उन्हें वरीयता मिलेगी।
गोस्वामी ने बताया कि चयनित महिलाओं को रूलर सेल्फ ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (आरएसटीआइ) से छह दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इंस्टीट्यूट हर जिले में संचालित है। सातवें दिन प्रशिक्षण की परीक्षा होगी और अनुत्तीर्ण होने पर चयनित नहीं होंगी। उन्हें पहले छह माह तक चार हजार रुपये प्रतिमाह की दर से सरकार भुगतान मिलेगा, उसके बाद सेवा के बदले बैंक उन्हें कमीशन देता रहेगा। उन्होंने बताया कि बीसी सखियां सरकार की विभिन्न योजनाओं के साथ ही मजदूरी आदि का आसानी से भुगतान कर सकेंगी।