शैक्षणिक उपलब्धियों में चार कदम पीछे प्रयाग के बच्चे, एनसीईआरटी ने जारी किये आंकड़े


शैक्षणिक उपलब्धियों में चार कदम पीछे प्रयाग के बच्चेआंकड़ों पर एक नजर


● 5,571 जिले में स्कूलों की संख्या

● 2,944 राज्य सरकार के स्कूल

● 272 सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय

● 11 केंद्रीय और नवोदय विद्यालय

● 2344 निजी मान्यता प्राप्त स्कूल

● 36616 कुल शिक्षकों की संख्या

● 15503 राज्य सरकार के स्कूलों में है शिक्षक

● 3646 शिक्षक सहायता प्राप्त स्कूलों में

● 424 शिक्षक केंद्रीय व नवोदय विद्यालय में

● 17043 शिक्षक निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों में

प्रयागराज, । राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने शिक्षा मंत्रालय की ओर से कराए गए नेशनल अचीवमेंट सर्वे की रिपोर्ट जारी कर दी है। आंकड़ों पर गौर करें तो राष्ट्रीय औसत की तुलना में संगमनगरी के बच्चे चार कदम पीछे रह गए। जिले के सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में कक्षा तीन, पांच, आठ व दस के छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन राष्ट्रीय एवं राज्य की तुलना में कमजोर है।

कक्षा तीन के बच्चों को भाषा विषयों में मेहनत करने की जरूरत है। भाषा में राष्ट्रीय औसत 62 प्रतिशत और राज्य के औसत 58 फीसदी की तुलना में प्रयागराज के बच्चों की उपलब्धि का प्रतिशत 55 है। गणित और ईवीएस में क्रमश: राष्ट्रीय व राज्य का औसत 57 व 54 की तुलना में जिले के बच्चों का औसत 52 है।

पांचवीं के बच्चे गणित में हैं कमजोर: कक्षा पांच के बच्चे गणित में कमजोर हैं। गणित विषय में राष्ट्रीय व राज्य के बच्चों की औसत उपलब्धि क्रमश: 44 व 41 जबकि जिले के बच्चों की उपलब्धि 37 प्रतिशत है। भाषा में राष्ट्रीय 55, राज्य 52 तो जिले की उपलब्धि 50 प्रतिशत है। वहीं ईवीएस में राष्ट्रीय, राज्य व जिले की उपलब्धि क्रमश: 48, 46 व 44 प्रतिशत रिपोर्ट हुई।

8वीं के बच्चे विज्ञान में बेहतर : कक्षा आठ के बच्चे विज्ञान और सामाजिक विषय में राज्य के औसत से बेहतर है। विज्ञान में राष्ट्रीय स्तर पर बच्चों की उपलब्धि का औसत 39, राज्य स्तर पर 35 व प्रयागराज के बच्चों का औसत 37 फीसदी है। सामाजिक विषय में राष्ट्रीय 39, राज्य 36 व जिले का औसत 37 प्रतिशत है। भाषा में राष्ट्रीय, राज्य व जिले का औसत क्रमश: 53, 47 व 48 है। गणित में राष्ट्रीय औसत 36, राज्य और जिले का 33 है।

अंग्रेजी में काफी कमजोर 10वीं के छात्र: प्रयागराज के स्कूलों में 10वीं के बच्चे सबसे कमजोर अंग्रेजी विषय में हैं। अंग्रेजी में राष्ट्रीय औसत 43 जबकि राज्य व जिले का 34 प्रतिशत है। सामाजिक विज्ञान में राष्ट्रीय 37 जबकि राज्य व जिले का औसत 33, विज्ञान में राष्ट्रीय राज्य व जिले का औसत क्रमश: 35, 31 व 32 है। गणित में राष्ट्रीय 32, राज्य 29 व जिले का औसत 28 प्रतिशत है।