कोई है जो बलरामपुर आना चाहता है? प्रयागराज कौन-कौन आना चाहता है? मुझे भी साथी चाहिए मऊ से बाराबंकी? कुछ ऐसे ही अंदाज में अपने विकल्प खोजे जा रहे हैं। कोई गलतफहमी मत पालिए...यह विकल्प की यह तलाश शादी के लिए नहीं बल्कि बेसिक शिक्षकों के सहायक अध्यापक के परस्पर तबादला यानी म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए की जा रही है।
सोशल मीडिया पर तो ऐसे संदेशों की धूम है ही, मैट्रीमोनियल वेबसाइट की तर्ज पर इसकी कई वेबसाइट भी बना ली गई है। फेसबुक से लेकर व्हाट्सएप और टेलीग्राम से लेकर ट्विटर तक पर विकल्प खोजे जा रहे हैं। इस शैक्षिक सत्र में अंतरजनपदीय तबादले करने में विभाग एकमत नहीं है लेकिन प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों के परस्पर तबादले के लिए सरकार तैयारी कर रही है। लिहाजा, अभी से तैयारियां शुरू हो गई हैं। आदेश आने का इंतजार शिक्षक नहीं कर रहे हैं, उन्होंने अपनी तलाश लांच कर दी है।
सबसे ज्यादा विकल्प तलाश रहे हैं, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, फतेहपुर, सोनभद्र जैसे आकांक्षी जिलों के शिक्षक। कारण यह है कि इन आठ आकांक्षी जिलों में तभी तबादले होने का नियम है जब वहां तबादले के इच्छुक शिक्षक के स्थान पर कोई अन्य शिक्षक तैनाती चाहता हो और वह स्थानांतरण के बाद वहां ज्वाइन कर ले। लिहाजा यहां के तबादले की सफलता विकल्प पर भी निर्भर है, इसलिए यहां के शिक्षकों की अब म्यूचुअल तबादले पर ही आस टिकी है। वर्ष 2019-2020 में लगभग साढ़े चार हजार म्यूचुअल तबादले किए गए थे। मैट्रीमोनियल साइट की तर्ज पर वेबसाइट भी शुरू हो गई हैं, जिनमें शिक्षक अपना ब्यौरा भर कर पोस्ट कर रहे हैं। इसमें एक नजर में दिख रहा है कि कौन-कहां से कहां आना चाहता है।
बड़े पैमाने पर हुईं भर्तियां, अब तबादले में घर वापसी की चाह
पिछले पांच वर्षों में बड़े पैमाने पर 68500 और 69000 शिक्षक भर्ती की गई। इसमें बागपत, गाजियाबाद, लखनऊ के रहने वाले युवक-युवतियों को मेरिट के नीचे होने के कारण बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच में नियुक्ति मिली लेकिन अब वे अपने घर वापस जाना चाहते हैं। कई युवतियों की इस दौरान शादी हो गई। लिहाजा बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं जो इस बार तबादले की बाट जोह रहे हैं।