50% फर्जी शिक्षकों के खिलाफ अभी भी नहीं दर्ज हुई एफआईआर - आरोपित शिक्षक हाईकोर्ट से स्टे लेकर कर रहे नौकरी -30 जून तक तलब की

प्राइमरी स्कूलों में काम कर रहे 176 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है। बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने नाराजगी जताते हुए सभी शिक्षकों के खिलाफ 30 जून तक एफआईआर कराते हुए निदेशालय में रिपोर्ट तलब की है।

एसटीएफ ने भी इस पर भी आपत्ति की है कि विभाग की लापरवाही के कारण फर्जी शिक्षक हाईकोर्ट से स्टे लेकर नौकरी कर रहे हैं और सिफारिश की है कि संबंधित बीएसए के खिलाफ कार्रवाई की जाए। एसटीएफ ने 228 शिक्षकों की सूची मई, 2022 को विभाग को दी थी। ये उन शिक्षकों की सूची थी, जिन्होंने फर्जी व अनियमित शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की थी इनमें से 176 के खिलाफ अभी तक एफआईआर नहीं की गई है। 35 जिलों में इन शिक्षकों की तैनाती है। देवरिया में 25, बस्ती में 23, सीतापुर में 15, श्रावस्ती में 12, आजमगढ़ में 10, गोरखपुर में 9 शिक्षक हैं। इसके अलावा अन्य जिलों में आठ से लेकर एक शिक्षक भी हैं।



फर्जी शिक्षक स्टे लेकर कर रहे नौकरी

एसटीएफ ने विभाग को यह भी सूचना दी है कि बेसिक शिक्षा विभाग के आदेशों में इतनी कमियां हैं कि आरोपित शिक्षक उच्च न्यायालय से स्थगनादेश लेकर नौकरी कर रहे हैं। संबंधित बीएसए स्थगनादेश को निरस्त कराने के लिए प्रभावी पैरवी नहीं कर रहे हैं। एसटीएफ ने पत्र में चार शिक्षकों का नाम लेकर कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। मथुरा के मांट में नियुक्त भूपेन्द्र सिंह और दीपक सारस्वत, छाता के राजेश सारस्वत, नंदगांव के राम कुमार सारस्वत को एसटीएफ का गोपनीय पत्र उपलब्ध हो गया जिसके खिलाफ इन शिक्षकों ने 26 अप्रैल को ही स्टे ले लिया है। एसटीएफ के अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश ने संदेह जताया है कि इन शिक्षकों को यह गोपनीय पत्र कैसे प्राप्त हुआ? मथुरा में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की जांच के दायरे में ये शिक्षक आए हैं।