हाल-ए-बेसिक शिक्षा :- किताबें बीआरसी में डंप, 20 अक्तूबर को होना है निपुण असेसमेंट टेस्ट

 

अयोध्या जिले में 96 प्रतिशत किताबें आ चुकी है, लेकिन सभी किताबें स्कूलों में नहीं पहुंच सकी हैं। अधिकतर किताबें बीआरसी (ब्लॉक संसाधन केंद्र) पर डंप हैं। इसका खुलासा सोमवार को स्कूलों के निरीक्षण में भी हुआ। स्कूलों तक पुस्तकें पहुंचने में कई अड़चनें बताई जा रही हैं। पहले किताबें स्कूल के शिक्षक स्वयं ले जाते थे। इस बार किताबों को स्कूल तक पहुंचाने का निर्देश दिया गया है। उचित संसाधनों के अभाव में किताबें स्कूलों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। वहीं पायलेट प्रोजेक्ट के तहत 20 अक्तूबर को अयोध्या मंडल में निपुण असेसमेंट टेस्ट होना है। ऐसे में अब तक बिना किताबों के अध्ययन कर रहे छात्र परीक्षा में उत्तीर्ण होंगे इस पर संदेेेह जताया जा रहा है। जिले के 1790 परिषदीय में वर्तमान में करीब 2.75 लाख विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इनको शासन द्वारा 14.50 लाख किताबें वितरित करनी है।



बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने बताया कि जिले में 96 प्रतिशत किताबें आ गई हैं, उन्हें ब्लॉक तक पहुंचा दिया गया है। किताबें स्कूलों में बांटी जा रही है। अयोध्या मंडल में 20 अक्तूबर से निपुण असेसमेंट टेस्ट कराया जाएगा। पहली बार सरल एप के माध्यम से ओएमआर शीट पर परीक्षा कराई जाएगी। परीक्षा के बाद सरल एप से कॉपियां चेक की जाएगी व तत्काल उसका रिजल्ट आ जाएगा। कक्षा एक से तीन तक के बच्चों की ओएमआर शीट शिक्षकों द्वारा भरी जाएगी।

शिक्षक बच्चों को अपने पास बुलाकर प्रश्न पूछेंगे जवाब पर गोले में निशान लगाएंगे। कक्षा चार से आठ तक के बच्चे स्वयं ओएमआर शीट भरेंगे। पेपर 60 मिनट का होगा। इसका उत्तर हल करने के बाद छात्र उसे ओएमआर शीट पर भरेंगे। कक्षा-तीन से पांच तक के हर पांच छात्र पर एक प्रश्न पत्र होगा जबकि छह से आठ तक के सभी बच्चों को प्रश्न पत्र दिया जाएगा।

कहीं शिक्षकों के सिर न फोड़ा जाए ठीकरा

नए शैक्षणिक सत्र शुरू हुए करीब छह माह बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक सभी बच्चों को किताबें नहीं मिल सकी है। ऐसे में बच्चों परीक्षा कैसे देंगे और उत्तीर्ण होंगे की नहीं इस पर भी संदेह जताया जा रहा है। वहीं, दबी जुबान में शिक्षकों का कहना है कि इसका ठीकरा उनके ही सिर फोड़ा जाएगा। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष डॉ. संजय सिंह कहते हैं कि बिना किताबों के पढ़ाई का स्तर कैसा होगा यह सब जानते हैं। ज्यादातर स्कूलों में शिक्षकों ने अपने स्तर पर पुरानी किताबों की व्यवस्था कर अब तक बच्चों को पढ़ाया है।

मौजूदा समय में बड़ी संख्या में किताबें बीआरसी रुदौली में डंप हैं। बीआरसी केंद्र रुदौली में चलने वाले प्राथमिक विद्यालय में भी अभी तक पूरी किताबें छात्रों को नहीं मिल सकी हैं। खंड शिक्षा अधिकारी रुदौली राम शंकर ने बताया कि जैसे-जैसे किताबें उपलब्ध हो रही हैं। वैसे ही विद्यालयों में भिजवाई जा रही हैं। अब तक आईं किताबें सात न्याय पंचायतों में पहुंचा दी गई है, तीन न्याय पंचायतों नहीं पहुंच पाई हैं। अमानीगंज शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय जखवा (कोटिया), प्राथमिक विद्यालय पूरे दरियापुर व प्राथमिक विद्यालय पूरे झाऊ मिश्र में सोमवार तक सभी छात्रों को पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराई गईं थीं।

प्राथमिक विद्यालय जखवा के प्रधानाध्यापक गया प्रसाद गुप्ता ने बताया कि पुरानी संख्या के आधार पर पाठ्य पुस्तकें दी गई हैं। जिसके कारण कक्षा तीन में अध्ययनरत 33 छात्रों की जगह महज 20 छात्रों को ही पाठ्य पुस्तकें प्राप्त हुईं हैं।

प्राथमिक विद्यालय पूरे झाऊ मिश्र के प्रधानाध्यापक सुरेंद्र कुमार ने बताया कि कक्षा एक के छात्रों को पाठ्य पुस्तकें नहीं मिली हैं। कक्षा तीन में अध्ययनरत 23 छात्रों की जगह पुरानी संख्या के आधार पर मात्र 12 छात्रों को ही पाठ्य पुस्तकें दी गई हैं। वहीं इस शिक्षा क्षेत्र के 10 एडेड स्कूलों को अब तक कोई भी पाठ्य पुस्तक प्राप्त नहीं हुई है। खंड शिक्षा अधिकारी पंकज मिश्रा ने बताया कि जो पाठ्य पुस्तकें प्राप्त हो रहीं हैं उनका पंचायतवार विद्यालयों में वितरण कराया जा रहा है। बीकापुर क्षेत्र के परिषदीय प्राथमिक विद्यालय महावा में कार्यरत शिक्षामित्र पवन तिवारी ने बताया कि अभी पहली कक्षा के बच्चों को नई किताबें नहीं मिली हैं।

कंपोजिट परिषदीय विद्यालय भैरोपुर टिकरा की प्रधानाध्यापिका डिंपल साहू ने बताया कि अभी सभी किताबें उपलब्ध नहीं हो पाई हैं। प्राथमिक विद्यालय हदयीपुर की प्रधानाध्यापिका नीलू चौधरी ने बताया कि पूरी पुस्तकें नहीं मिली हैं।

कंपोजिट विद्यालय शेरपुर पारा के प्रधानाध्यापक कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि जो पुस्तकें आई थीं वह बच्चों को वितरित कर दी गईं हैं। परिषदीय प्राथमिक विद्यालय खजुरहट के प्रधानाध्यापक दिनेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि कक्षा तीन कक्षा चार और कक्षा पांच के बच्चों के लिए पुस्तकें आईं थीं, लेकिन उसमें भी बच्चों को सिर्फ तीन-तीन ही किताबें ही मिल पाई हैं। अभी दो किताबें नहीं मिली हैं। मसौधा के प्राथमिक विद्यालय सिडहिर नरसिंहपुरकी प्रधानाचार्य रेखा सिंह ने बताया कि कक्षा एक से पांच तक की पुस्तकें छात्रों को उपलब्ध करा दी गई हैं, होमवर्क बुक बाकी है।

प्राथमिक विद्यालय दौलतपुर में प्रधानाचार्य अर्चना जायसवाल ने बताया कि विद्यालय में पुस्तक उपलब्ध करा दी गई हैं। कंपोजिट विद्यालय अमौना की प्रधानाचार्य शीला शर्मा ने बताया कि पुस्तक पुरानी छात्र संख्या के आधार पर भेजी गई हैं। जिस कक्षा में छात्रों की संख्या बढ़ी है उनको उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। तारुन के मॉडर्न स्कूल पारा गरीबशाह में कक्षा एक से पांच तक बच्चों को अभी तक अंग्रेजी की किताब नहीं मिली है। कक्षा तीन में गणित की भी किताब नहीं मिली हैं। प्रधानाध्यापक मो. शकील ने बताया कि पुरानी किताबों से पढ़ाया जा रहा है। कंपोजिट विद्यालय बल्लीकृपालपुर के प्रधानाध्यापक आलोक कुमार सिंह ने बताया कि कक्षा छह, सात, आठ में खेल और स्वास्थ्य, स्काउट गाइड, हमारा पर्यावरण की पुस्तकें अभी तक नहीं मिली हैं। कक्षा छह की इंग्लिश रीडर की किताब नहीं मिली है। कंपोजिट विद्यालय तारुन में अभी तक कक्षा छह की अंग्रेजी, गृह शिल्प, कृषि विज्ञान, खेल और स्वास्थ्य, स्काउट गाइड , कक्षा आठ में संस्कृत की किताब उपलब्ध नहीं कराई गई हैं।

प्राथमिक विद्यालय पूरा द्वितीय के प्रधानाध्यापक राजेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि कक्षा एक व दो में इंग्लिश और हिंदी की पुस्तक नहीं मिली हैं। कक्षा तीन में गणित, संस्कृत, हमारा प्रवेश, कक्षा चार व पांच में अंग्रेजी, गणित, विज्ञान व कार्य पुस्तिका नहीं मिली है।

पूर्व माध्यमिक विद्यालय पूरा प्रथम के प्रधानाध्यापक संतोष सिंह ने बताया कि कक्षा छह में अंग्रेजी, गृह शिल्प व कृषि की पुस्तकें नहीं मिली हैं। कक्षा सात, आठ की सभी पुस्तकें मिल गई हैं। खंड शिक्षाधिकारी पूरा शैलेंद्र कुमार ने बताया कि किताबें स्कूलों तक पहुंचाई जा रही है। वहीं बीआरसी में अभी भी हजारों किताबें डंप पाई गईं।