बिजली के तार चोरी में प्रधानाध्यापक दोषी, पढ़ें विस्तृत


चहनिया, बलुआ थाना क्षेत्र के महुआरीखास गांव में नवीनीकरण के लिए कम्पोजिट विद्यालय में रखा गई बिजली की केबिल चोरी के मामले में प्रधानाध्यापक दोषी पाए गए हैं।


केबल चोरी की शिकायत शिक्षा विभाग से करने पर इसकी जांच खंड शिक्षा अधिकारी कर रहे थे। जांच में बीईओ डॉ. राजेश कुमार चतुर्वेदी ने जांच में पाया कि प्रधानाध्यापक केबिल चोरी के मामले में दोषी है। उन्होंने कार्रवाई के लिए बीएसए को संस्तुति की है।


महुआरी खास गांव में नवम्बर में जर्जर तार को बदल कर नवीनीकरण का कार्य चल रहा था। बिजली विभाग ने केबिल के बंडल को कम्पोजिट विद्यालय परिसर में रखा था। प्रधान की देखरेख में कर्मचारी जर्जर तार को बदलकर केबिल लगाने का कार्य कर रहे थे। आरोप था कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने दो बंडल केबिल चोरी कर कमरे में छिपा दिया। जब इस बात की जानकारी ग्राम प्रधान सतेंद्र कुमार सिंह, बीडीसी नरेंद्र गुप्ता को हुई तो लोग
स्कूल पहुंचकर हंगामा मचाने लगे। हंगामा देख प्रधानाध्यापक ने कमरे से बंडल को निकालकर बाहर किया। ग्राम प्रधान ने बलुआ थाने में तहरीर दी थी वहीं बीडीसी नरेंद्र ने सीएम पोर्टल पर शिकायत की थी। इसके बाद मामले को संज्ञान में लेते हुए बीएसए ने पूरे मामले की जांच बीईओ चहनिया को सौंप दी। बीईओ ने जांच में पाया कि केबिल चोरी में प्रधानाध्यापक की संलिप्तता है। उन्होंने कार्यवाही के लिए बीएसए को संस्तुति की है।