ठंड में ठिठुरने को मजबूर परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के बच्चे

पूरनपुर, 


परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में नामांकित पांच हजार से अधिक बच्चों के खाते में डीबीटी की धनराशि नहीं पहुंची है। ऐसे में अभिभावक स्वेटर, यूनीफॉर्म, जूता-मोजा व अन्य सामग्री नहीं खरीद पा रहे हैं। मजबूरन बच्चों को बिना स्वेटर और जूता-मोजा पहने स्कूल में पढ़ने जा रहे हैं। सर्दी का प्रकोप होने से बच्चे कक्षाओं में ठिठुरते रहते हैं। हालांकि डीबीटी धनराशि से वंचित बच्चों के खाते में रुपये भेजने को लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसा विभागीय अधिकारियों का कहना है। इधर, अभिभावकों ने भी जल्द बच्चों के खाते में डीबीटी धनराशि भेजने की मांग उठाई है। ताकि स्वेटर व अन्य सामग्री की खरीददारी की जा सके।


पूरनपुर, बीआरसी क्षेत्र में परिषदीय 255 प्राथमिक, 76 उच्च प्राथमिक और 66 कंपोजिट स्कूल व कुछ एडेड स्कूल संचालित हैं। इनमें करीब 61130 बच्चे नामांकित हैं। शासन के निर्देश इन बच्चों के आधार लिंक वाले बैंक खाते में डीबीटी धनराशि भेजी जाती है। जिन बच्चों के आधार कार्ड नहीं हैं या बैंक खाते से लिंक नहीं हैं। ऐसे बच्चे डीबीटी धनराशि से वंचित हैं। पूरनपुर क्षेत्र में इन बच्चों की संख्या पांच हजार से अधिक है। बता दें कि सरकारी और एडेड स्कूलों में नामांकित 1874 बच्चों के आधार कार्ड नहीं हैं। 2408 बच्चों के बैंक खाते आधार से अनसीटेड शो हो रहे हैं। करीब 485 बच्चों की डीबीटी प्रक्रिया जिला और लखनऊ स्तर पर पेंडिंग हैं। करीब 461 बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता बाहर चले गए। इससे उनके आधार का सत्यापन नहीं हो पा रहा है। वहीं 165 बच्चों के नाम दो-दो स्कूलों में चल रहे थे। इन सभी बच्चों के खाते में डीबीटी धनराशि नहीं पहुंची है। सर्दी का सितम शुरू हो गया है लेकिन सरकारी स्कूलों में अधिकांश बच्चे बगैर स्वेटर के पहुंच रहे हैं। ऐसे में उनको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बगैर जूता-मोजा और स्वेटर पहनकर बच्चों को स्कूल जाना पड़ रहा है। हालांकि विभागीय अधिकारी करीब 53103 बच्चों को डीबीटी धनराशि मिलने के दावे कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई इससे अलग हैं। हालांकि विभागीय स्तर से बच्चों के खाते में डीबीटी धनराशि भेजने के संबंध में लगातार प्रयास चल रहे हैं। बीईओ विजय वीरेंद्र सिंह ने बताया कि अधिकांश बच्चों के खाते में डीबीटी धनराशि पहुंच चुकी है। कुछ बच्चों के आधार कार्ड व बैंक में आधार लिंक न होने से धनराशि नहीं पहुंच पाई है। बच्चों के अभिभावकों को भी लगातार जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बच्चों के आधार लिंक बैंक खाते में शासन से सीधे डीबीटी धनराशि भेजी जाती है।

शासन से सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है डीटीटी धनराशि

बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट और एडेड स्कूलों में अध्ययन छात्रों को सरकार की तरफ से तमाम योजनाओं का लाभ दिया जाता है। मिड मील योजना के तहत मीनू के हिसाब से बच्चों को गर्मागर्म भोजन, प्रत्येक सोमवार को फल और बुधवार को दूध वितरित किया जाता है। कुछ साल पहले बच्चों को शासन से यूनीफॉर्म, जूता-मोजा, स्वेटर, बैग आदि मुहैया कराया जाता था, लेकिन अब इस सामग्री को खरीदने के लिए उनके बैंक खाते में शासन से सीधे डीबीटी के तहत धनराशि भेजी जाती है। बतादें कि प्रत्येक बच्चे को 12 सौ रुपए मिलते हैं। इन रुपये से सामान अभिभावकों को खरीदना होता है।