इन जातियों को केंद्र की सूची में शामिल करने का अनुरोध करेगी यूपी सरकार, जाने क्या होगा लाभ?


यूपी के दिव्यांगजन सशक्तिकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि उत्तर प्रदेश में सूचीबद्ध ओबीसी वर्ग की वह जाति जो केंद्र की सूची में नही है, उन्हें भी सूचीबद्ध करने के लिए केन्द्र सरकार को अनुरोध पत्र भेजा जाय। जिससे उन्हें केन्द्र से मिलने वाले लाभ मिल सके।





उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में बजट की मांग के लिए पत्र भेजा जाए। दिव्यांगजन सशक्तिकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में नई योजनाओं का प्रस्ताव तैयार कर बजट की माँग की जाय। मंगलवार को विधानसभा स्थित नवीन भवन के अपने कार्यालय में विभागीय समीक्षा बैठक में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ने कहा कि पिछड़े वर्ग की जातियों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।

दिव्यांगजन मंत्री द्वारा दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की गई। उन्होंने राज्य निधि के प्रयोग के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनो को प्रोत्साहित करने के लिए फरवरी व मार्च में वर्कशॉप और प्रदर्शनी का आयोजन किया जाय। समीक्षा बैठक में दिव्यांगजन अधिकारियों द्वारा बताया गया कि दिव्यांगजन पेंशन को आधार से लिंक कराने का कार्य 89 प्रतिशत पूर्ण हो गया है।

मंत्री ने डॉ शकुन्तला मिश्रा पुर्नवास विश्वविद्यालय की समीक्षा में अधिकारियों को निर्देशित किया कि विश्वविद्यालय में प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं एवं योजनाओं का लाभ दिव्यांगजनों को मिले, यह सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि खेल स्टेडियम का प्रयोग किया जाय इसके लिए मार्च में खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाय।

उन्होंने विश्वविद्यालय में ब्रेल प्रेस के संबंध में समीक्षा की और कहा कि इसके लिए आवश्यक कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनो एवं पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही धनराशि का शत-प्रतिशत उपयोग करते हुए पात्र लोगों को उनका लाभ दिया जाय। बैठक में अपर मुख्य सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण हेमंत राव, तथा निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण वंदना वर्मा, निदेशक दिव्यांगजन सशक्तिकरण श्री सत्य प्रकाश पटेल एवं आयुक्त दिव्यांगजन सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे ।