MDM कन्वर्जन कास्ट में इजाफे का केंद्र का आदेश, पांच माह से उत्तर प्रदेश में अमल नहीं


MDM कन्वर्जन कास्ट में इजाफे का केंद्र का आदेश, पांच माह से उत्तर प्रदेश में अमल नहीं


शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने भले ही अक्टूबर 2022 में मिड डे मील की परिवर्तन लागत की दरों में इजाफा किया हो लेकिन अब तक इसे धरातल पर लागू नहीं किया जा सका। शिक्षक मिड डे मील प्राधिकरण के निदेशक के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।

अप्रैल 2020 में इजाफे के बाद मिड डे मील की कन्वर्जन कास्ट में अब तक प्रदेश में इजाफा नहीं किया गया। अप्रैल 2020 में प्राथमिक स्तर पर 4.97 रूपए एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर 7.45 रूपए मंजूर किए गए थे। बढ़ती मंहगाई के मद्देनजर फिर से कन्वर्जन कास्ट बढ़ाने की मांग की जा रही थी। 


अक्टूबर 2022 में शिक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण यानी मिड डे मील योजना के अन्तर्गत परिवर्तन लागत की दरों में इजाफा करते हुए प्राथमिक स्तर पर 5.45 रूपए एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर 8.17 रूपए देने का फैसला किया था। संशोधित दरें एक अक्टूबर 2022 से प्रभावी होनी थी।


और पैदा हो गई संशय की स्थिति

अक्टूबर 2022 का आदेश सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अनेक परिषदीय प्रधानाध्यापकों ने इसके आधार पर एक अक्टूबर 2022 से बढ़ी हुई दरों पर कन्वर्जन कास्ट का भुगतान करना शुरू कर दिया। जब यह जानकारी विभाग को हुई तो उसने स्पष्ट किया कि अभी प्राधिकरण द्वारा बढ़ी हुई दरें लागू करने का आदेश नहीं आया है। आदेश आने तक पूर्ववर्ती दरों पर ही भुगतान किया जाएगा। जो हेडमास्टर पहले ही बढ़ी हुई दरों पर भुगतान कर चुके थे, उन्हें रिकवरी चुकाने की नौबत आ गई है।

एमडीएम पर मंहगाई की मार से बढ़ी परेशानी

हेडमास्टर कहते हैं कि दूध 60 रुपये प्रति लीटर एवं तेल मसालों, फल व सब्जियों के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं। पहले की दरों पर एमडीएम तैयार कराना आज के वक्त में घाटे का सौदा साबित हो रहा है। समझ नहीं आ रहा कैसे बजट बनाएं?