तबादला हेतु बीमारी के झूठे दस्तावेज देने वालों पर होगी कार्रवाई


असाध्य अथवा गम्भीर रोगों के गलत सर्टिफिकेट लगाकर तबादले की चाह रखने वाले प्राइमरी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है। मेडिकल बोर्ड द्वारा अमान्य घोषित ऐसे शिक्षकों पर जल्द ही गाज गिर सकती है। कारण, अन्तर्जनपदीय तबादले के लिए गलत मेडिकल सट्रिफिकेट लगाकर आवेदन करने वाले ज्यादातर शिक्षकों की मेडिकल बोर्ड के सामने कलई खुल गई है। करीब 46 जिलों में ऐसे प्रकरण सामने आए हैं। इनमें कई जिले तो ऐसे हैं, जहां दो तिहाई से ज्यादा आवेदन गलत सर्टफिकेट के कारण निरस्त किए गए हैं।


फर्जी दस्तावेज मिले

शाहजहांपुर में 200 शिक्षकों ने स्वयं को असाध्य रोगों से पीड़ित बताकर दूसरे जिलों में स्थानांतरण मांगा था। जांच हुई तो 145 के दावे गलत निकले। सोनभद्र में 62 शिक्षकों ने असाध्य रोगों के कागज लगाए जहां में 49 के कागज गलत मिले।


एक तिहाई के तबादले

एक जिले से दूसरे जिले में तबादले के लिए जितने आवेदन आए थे उसमें से करीब एक तिहाई बेसिक शिक्षकों का तबादला कर दिया गया। कुल 45,914 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने स्थानांतरण के लिए आनलाइन आवेदन किया था। कुल 16,614 शिक्षक-शिक्षिकाओं के तबादले किए गए। इनमें 12,267 शिक्षिकाएं हैं।



स्थानान्तरण में कई आवेदकों ने उन ज़िलों का भी विकल्प दे रखा है, जहां वो जाएंगे नहीं। ऐसे में दूसरी ट्रांसफर लिस्ट भी अनिवार्य रुप से जारी करें, जिससे निर्धारित पदों पर ट्रांसफर हो सके।
निर्भय सिंह उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ


इससे लंबे समय से इन्जार में बैठे शिक्षकों को अपने घर-परिवार के नज़दीक जाने का अवसर हासिल हो सकेगा। हम इसका स्वागत करते हैं और विभागीय अधिकारियों को बधाई देते हैं।
अनिल यादव, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ