सोनभद्र। परिषदीय विद्यालयों को निपुण बनाने में बरती जा रही लापरवाही 35 शिक्षकों, शिक्षामित्रों पर भारी पड़ी है। समीक्षा बैठक में बीएसए नवीन कुमार पाठक ने इनके वेतन और मानदेय को अवरुद्ध कर दिया है।
सितंबर में नेट परीक्षा (प्रथम) का आयोजन किया गया था। इसका परिणाम आने के बाद कई स्कूल खराब प्रदर्शन के कारण ई श्रेणी में थे। इसके बाद ई श्रेणी में चिह्नित 94 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकाें और प्रभारी के साथ नौ नवंबर को सीडीओ ने समीक्षा बैठक की थी।
स्कूलों को चेतावनी देते हुए सीडीओ ने एक माह में विद्यालय को निपुण बनाने का समय दिया था। समय सीमा के बाद शनिवार को उरमौरा स्थित डायट में सीडीओ ने इन विद्यालयों में प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा में 94 में से 12 विद्यालयों ने अपने आप को सक्षम श्रेणी में परिवर्तित कर लिया है। 60 विद्यालयों ने मध्यम श्रेणी में स्थान बनाया है। अन्य 22 विद्यालयों ने कोई खास प्रगति नहीं करते हुए संघर्षशील श्रेणी में ही अपने आप को रखा है। बैठक में करीब 14 स्कूलों से अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत की। उनके प्रति थोड़ी नरमी बरती गई। संतोषजनक प्रगति न पाने पर सीडीओ ने आठ स्कूलों के सभी स्टाफ का वेतन रोकने का निर्देश दिया। 35 शिक्षकों और शिक्षामित्रों के वेतन पर रोक लगा दी। यह भी निर्देश दिया कि जो विद्यालय मध्यम श्रेणी में हैं, वह 31 दिसंबर तक अपने आप को सक्षम विद्यालय में परिवर्तित कर लें। ऐसा नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई होगी।
कई बीईओ को नोटिस
बैठक के दौरान बेहतर परिणाम न देने के आरोप में तीन बीईओ पर भी कार्रवाई की गई। दो बीईओ से स्पष्टीकरण मांगा गया तो वहीं एक बीईओ को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई। कंपोजिट विद्यालय बीजपुर से मीटिंग में कोई भी शिक्षक नहीं पहुंचा। ऐसे में स्कूल के 12 स्टाफ का वेतन रोकने के निर्देश दिए गए। सीडीओ ने कहा कि मध्यम श्रेणी के सभी 60 विद्यालय अगर 31 दिसंबर तक अपने विद्यालय को निपुण बना देते हैं तो उन्हें प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। बैठक का संचालन एसआरजी टीम से विद्यासागर, संजय मिश्रा और विनोद कुमार ने किया।
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