RO-ARO पेपर लीक मामले में मास्टरमाइन्ड ने 12 और लोगों की पोल खोली


आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा में गिरफ्तार डॉ. शरद ने एसटीएफ के अफसरों को काफी उलझाने के बाद कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कर दी थीं। इसमें एक खुलासा किया कि लखनऊ से दिल्ली के बीच 12 ऐसे लोग थे, जिन्होंने मास्टरमाइन्ड और अन्य आरोपितों की पूरी तरह मदद की। इनका पूरा ब्योरा देने के साथ सबकी भूमिका भी बतायी। इसके आधार पर एसटीएफ की दो टीमों ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। लखनऊ में भी कुछ लोगों के मोबाइल नम्बर सर्विलांस पर लेकर पड़ताल शुरू कर दी गई है।

आरओ भर्ती परीक्षा के साथ सिपाही भर्ती परीक्षा में सेंध लगाकर गिरोह ने शासन तक हड़कम्प मचा दिया था। आखिर में सरकार को दोनों भर्ती परीक्षाएं रद्द करनी पड़ गई थी। इसमें मुख्य आरोपी मास्टरमाइन्ड राजीव नयन, रवि अत्री, डॉ. शरद पटेल ने प्रयागराज स्थित बिशप जानसन गर्ल्स कालेज और लखनऊ के पारा स्थित जीडी मेमोरियल पब्लिक स्कूल के मैनेजर व अन्य कर्मचारियों तक अपनी पहुंच बनायी थी। इसके लिये गिरोह ने कड़ी से कड़ी जोड़ी थी।

एसटीएफ के मुताबिक डॉ. शरद इससे पहले भी कई प्रतियोगी परीक्षाओं का पर्चा लीक कराने में शामिल रहा है। इस मामले में कई और लोग भी एसटीएफ की रडार पर हैं। गिरफ्तार आरोपितों के पास दो लाख रुपये, दो लग्जरी गाड़ियां समेत कई दस्तावेज मिले हैं। इस गिरोह के लोग सिपाही भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक कराने में भी शामिल रहे हैं। डॉ. शरद सिंह पटेल मूल रूप से मिर्जापुर के चुनार का रहने वाला है। उसे वृन्दावन योजना में कालिन्दी पार्क के पास पकड़ा गया था।


राजीव और शरद को पूरा प्लान पता था
लखनऊ और प्रयागराज में कई लोगों के बीच साठगांठ कर बैठकों का दौर कई बार चला। एसटीएफ के मुताबिक इस दौरान कई तरह की साजिश रची गई, फिर उनमें बदलाव किया जाता रहा। अंत में जो रणनीति तय हुई, उसके बारे में पूरी जानकारी सिर्फ राजीव नयन और डॉ.शरद को ही पता था। कई ऐसी जानकारियां थी जो पर्चा लीक कराने वाले दिन परीक्षा केन्द्र पहुंचने से कुछ पहले ही गिरोह के अन्य सदस्यों को बतायी गई थी। इसके पीछे शरद ने एसटीएफ को यह तर्क दिया कि प्लान लीक होने का खतरा था।


लखनऊ के कई लोग एसटीएफ के रडार पर

हरियाणा, प्रयागराज से पर्चा लीक होने के बाद जब व्हाटसएप पर भेजा गया तो दोनों जगहों के पर्चे का मिलान होते ही अभ्यर्थियों से वसूली की जाने लगी थी। इस दौरान लखनऊ के कई लोगों की भूमिका अभ्यर्थियों से साठगांठ कराने और उन तक पहुंचने में रही। अब इनका पूरा ब्योरा मिलने पर एसटीएफ ने इन लोगों के मोबाइल नम्बरों की कॉल डिटेल खंगालना शुरू कर दिया है।