05 August 2024

स्थानांतरण के बाद भी रजिस्टर में हस्ताक्षर करने पर शिक्षिका निलंबित

 ललितपुर। स्थानांतरण होने के बाद भी उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करने पर बीएसए ने शिक्षिका को निलंबित कर दिया है।पारस्परिक अंतर जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया में आवेदन के बाद शिक्षिका का तबादला हो गया था। मूल विद्यालय से कार्यमुक्त भी कर दिया गया था।


जिले में शिक्षा विभाग में पारस्परिक अंतर जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया के तहत शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया हुई थी। इस प्रक्रिया में स्थानांतरण के लिए प्राथमिक विद्यालय टपरियन तोर ब्लॉक बिरधा की सहायक अध्यापिका प्रियनू कटियार ने आपसी सहमति से ओटीपी साझा कर प्राथमिक विद्यालय ककोरिया ब्लॉक बिरधा के सहायक अध्यापक के साथ जोड़ा बनाते हुए आवेदन किया था। जनपद स्तर की समिति ने जांच के बाद विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन स्वीकृत कर लिया था। 10 जनवरी 2024 को विभाग के पोर्टल पर जारी स्थानांतरण सूची में प्रियनू कटियार का नाम शामिल किया गया था। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने 11 जनवरी को प्रियनू कटियार और उनके प्रतिस्थानी को अपने मूल विद्यालय में कार्यमुक्त होकर स्थानांतरित विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए थे। जिस पर प्रियनू कटियार ने अपना स्वास्थ्य ठीक न होने और विद्यालय की दूरी अधिक होने का उल्लेख करते हुए अपना प्रत्यावेदन तीन अप्रैल को प्रस्तुत किया था। जनपद स्तर की समिति की तीन मई को हुई बैठक में इसे अस्वीकृत कर दिया था। शिक्षिका को तत्काल अपने मूल विद्यालय से कार्यमुक्त होकर नवीन विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने के आदेश दिए थे। शिक्षिका को बार-बार निर्देश देने के बाद भी वह कार्यमुक्त नहीं हुई। जबकि, इनके प्रतिस्थानी अभिषेक गुप्ता ने 18 जुलाई को प्राथमिक विद्यालय टपरियन तोर में कार्यभार ग्रहण कर लिया।




खंड शिक्षा अधिकारी बिरधा ने अपने 24 और 27 जुलाई के पत्र में बताया कि प्रियनू कटियार को कार्यमुक्त करने के बावजूद उनके द्वारा आदेश की अवहेलना करते हुए उसी विद्यालय में उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं। उन्होंने अनुशासनहीनता को लेकर कार्रवाई की संस्तुति की। बीएसए रणवीर सिंह ने उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना और सेवा नियमावली का उल्लंघन करने पर शिक्षिका प्रियनू कटियार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए ब्लॉक संसाधन केंद्र बिरधा में संबद्ध कर दिया है। बीईओ नगर क्षेत्र को जांच कर एक सप्ताह में आरोप पत्र और 15 दिन में मामले की जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।