31 October 2024

दु:खद: घर में फंदे पर लटका मिला परिषदीय शिक्षिका का शव, एक दिन पहले आए थे लड़के वाले देखने


गजरौला (अमरोहा)। गंगा नगर मोहल्ला निवासी शिक्षिका मनीषी (30) का शव घर में ही फंदे पर लटका मिला। उनकी संभल के असमोली ब्लॉक के दबोई कलां के जूनियर हाईस्कूल में तैनाती थी। बेटी को फंदे पर लटका देख मां की चीख निकल गई। कुछ ही देर में लोगों की भीड़ जुट गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव नीचे उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।

गंगा नगर मोहल्ला निवासी माया देवी का घर रेलवे लाइन किनारे है। उनकी बेटी मनीषी संभल के असमोली ब्लॉक के दबोई कलां गांव स्थित जूनियर हाईस्कूल में शिक्षिका थीं। मंगलवार रात मां-बेटी खाना खाकर सोईं थीं। बुधवार सुबह उठकर घर का काम किया। मनीषी दुकान से चीनी लेकर आईं, जिसके बाद मां-बेटी ने चाय पी। इसके बाद मां घर के काम में लग गईं। जबकि, बेटी कमरे में चली गईं। कुछ देर बाद माया देवी ने बेटी को आवाज लगाई, लेकिन जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने खिड़की से झांक कर देखा तो मनीषी फंदे से लटकी थीं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव नीचे उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भेजा। सीओ श्वेताभ भास्कर ने बताया कि शिक्षिका के फंदे पर लटक कर जान देने का मामला सामने आया है। शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।


शिक्षिका का भाई इंजीनियर, पिता थे स्टेशन अधीक्षक
शिक्षिका मनीषी के पिता मुरारी लाल मूलरूप से मुरादाबाद के हरथला कॉलोनी के रहने वाले थे। वह गजरौला में रेलवे के स्टेशन अधीक्षक रहे। कुछ वर्षों पूर्व उनका निधन हो गया। नगर में दोनों मां-बेटी रहती थीं, जबकि उनके दोनों भाई बाहर रहते हैं। बड़ा भाई रजनीश इंजीनियर हैं, जबकि छोटा भाई अवनीश किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं।

गणित में थी बहुत अच्छी पकड़
दबोई कलां में तैनात शिक्षिका मनीषी की खुदकुशी की खबर जिसने भी सुनी, वह दंग रह गया। कुछ ही देर में लोग इकट्ठा हो गए। हर कोई उनके इस कदम से सदमे में था। इस दौरान एक महिला ने कहा कि मनीषी की गणित में बहुत अच्छी पकड़ थी। वर्षों पूर्व उनके बच्चे मनीषी के पास ट्यूशन पढ़ने आते थे। उनके बच्चे जो भी सवाल पूछते थे, उसका उत्तर देने में पल की देर नहीं लगाती थीं।


एक दिन पहले आए थे लड़के वाले
शिक्षिका मनीषी बेहद व्यवहार कुशल थीं। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि उनका हर किसी से बड़ा अच्छा व्यवहार था। 2017 से संभल के दबोई कलां स्कूल में पढ़ाने जाती थीं। मां माया देवी विलाप करते हुए कह रही थीं कि इस समय उनकी शादी करने की तैयारी की जा रही थी। रिश्ते की बात भी चल रही थी। एक दिन पहले मंगलवार को लड़के वाले घर पर आए थे। मगर उनको यह नहीं पता था कि एक दिन बाद ही बेटी आत्महत्या कर लेगी।