लखनऊ। उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा है कि राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए विशेष फंड का प्रावधान किया जाए क्योंकि शोध और नवाचार के बिना शिक्षा का उद्देश्य अधूरा है।
उन्होंने कहा कि हमें युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना है। वह बुधवार को आगामी वित्तीय वर्ष के बजट की तैयारी और विभागीय योजनाओं की प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि बजट प्रस्ताव तैयार करते समय छात्रों और शिक्षकों के हितों को प्राथमिकता दी जाए। नई तकनीकों का उपयोग बढ़ाने और डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहित करें। बैठक में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और शिक्षकों की नियुक्ति के मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
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मंत्री ने कहा कि सभी संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं का विकास और शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है। मंत्री ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एनईपी को लागू करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाए, जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी मिल सकें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी योजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध तरीके से किया जाए। यह भी कहा कि योजनाओं में देरी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाना हमारी प्राथमिकता है और इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल, विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी, शिबू गिरी सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।