सद्गुरु की बच्चों को सीख, खेल-खेल में करें पढ़ाई तो नहीं लगेगी मुश्किल

 

नई दिल्ली। पाठ्यपुस्तकें बुद्धिमानी के लिए चुनौती नहीं है.

और तनाव का मतलब है कि दिमाग को बेहतर देखभाल की जरूरत है। यह बातें ईशा फाउंडेशन के संस्थापक और आध्यात्मिक नेता सद्‌गुरु जग्गी वासुदेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा पे चर्चा सालाना कार्यक्रम के आठवें संस्करण के पांचवें एपिसोड में शनिवार को कहीं।




 इस दौरान उन्होंने मिरेकल ऑफ माइंड यानी दिमाग के चमत्कार पर बात करते हुए छात्रों को मजेदार तरीके से सीखने और परीक्षा से पहले तनाव से बचने के लिए अपने अंदाज में मंत्र दिए। कहा कि छात्र पढ़ाई को एक बोझ समझेंगे, तो मुश्किल लगेगी। लेकिन अगर वे इसे मजेदार तरीके और खेल की तरह सीखेंगे, तो पढ़ाई मुश्किल नहीं लगेगी। अगर कोई छात्र पढ़ाई करते समय तनाव महसूस करता है, तो इसका मतलब है कि उसके दिमाग को बेहतर देखभाल मसलन सही आराम, तनावमुक्त होने और सकारात्मक सोच की जरूरत है