लखनऊ :
अंतरजनपदीय तबादलों में महज 15 जिलों में ही तवादलों का विकल्प दिया गया। इनमें प्राइमरी के 13,676 पद खाली दिखाए गए। वहीं, अपर प्राइमरी के 19,378 पद खाली दिखाए गए। तवादले महज 15 जिलों में 543 ही हुए। इसको लेकर शिक्षक सवाल उठा रहे हैं।
तवादले शुरू हुए तो शिक्षकों को उम्मीद जागी कि वे अपने पसंदीदा जिले में पहुंच जाएंगे। प्रक्रिया आगे बढ़ी और छात्र-शिक्षक अनुपात के आधार पर विभिन्न जिलों में खाली पदों की संख्या जारी की गई। इसमें 15 जिलों में ही पद खाली
वताए गए। शिक्षकों का कहना है कि जहां पद खाली थे उन जिलों में भी शिक्षकों ने आवेदन किया था, उसके वावजूद तवादले नहीं किए गए। वहीं प्राथमिक शिक्षक संघ प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह का कहना है कि जिन जिलों में तवादले किए गए, उनमें कम शिक्षक जाना चाहते हैं। ऐसे में सभी जिलों में तवादलों का मौका शिक्षकों को देना चाहिए। इस वारे में वेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र तिवारी कहते हैं कि छात्र शिक्षक अनुपात को ध्यान में रखकर तवादले किए गए हैं। यदि वाकी जिलों में तवादला करते तो यह अनुपात विगड़ जाता।