मानव सम्पदा पोर्टल पर आवेदन करके ही अब हाईस्कूलों के शिक्षक किसी प्रकार की छुट्टी ले सकेंगे। प्रधानाचार्य को फोन कर या आवेदन पत्र भेजकर अवकाश लेने की सुविधा को माध्यमिक शिक्षा विभाग ने समाप्त कर दिया है। जो भी शिक्षक या शिक्षणेत्तर कर्मी फोन से या आवेदन पत्र भेजकर अवकाश का आवेदन करेंगे उसे न सिर्फ स्वत: रद्द माना जाएगा बल्कि ऐसा करने पर उन्हें गैर हाजिर भी माना जाएगा।
शासन द्वारा इस मामले में सख्ती किए जाने के बाद विभाग ने इसके लिए न सिर्फ दिशा-निर्देश जारी कर दिया है बल्कि इसकी निगरानी करने के लिए शिक्षा अधिकारियों की टीमें भी बना दी हैं। ये टीमें अवकाश के दिनों को छोड़कर कार्य दिवसों में प्रतिदिन स्कूलों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय भेजेंगी।
इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव की ओर से प्रदेश के सभी मंडलों के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, मंडलीय उप शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) तथा समस्त जिला विद्यालय निरीक्षकों के नाम सर्कुलर जारी निर्देश दिए हैं कि वे तत्काल प्रभाव से अवकाश को लेकर जारी आदेशों का अनुपालन कराएं। सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि हाईस्कूलों में अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं प्रारम्भ होने वाली है किन्तु कई हाईस्कूलों के तमाम शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मी बिना सक्षम स्तर से अवकाश स्वीकृत कराए ही विद्यालय से अनुपस्थित रहते हैं, जिसके कारण हाईस्कूलों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों का पठन-पाठन प्रभावित है। यह बहुत ही खेदजनक स्थिति है। अवकाश केवल मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से ही स्वीकृत किए जाने से स्पष्ट आदेश पूर्व में ही जारी किए जा चुके हैं।
प्रतिदिन के निरीक्षण रिपोर्ट के लिए भेजा गया प्रारूप
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक एवं माध्यमिक उप शिक्षा निदेशकों के अलावा जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेजे निर्देश के साथ एक प्रारूप भी भेजा है, जिसे प्रतिदिन भरकर शाम पांच बजे तक मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक के माध्यम से निदेशालय को अनिवार्य रूप से भेजना होगा। प्रारूप में क्रम संख्या, मंडल का नाम, जिले का नाम, निरीक्षित विद्यालयों की संख्या, अवकाश स्वीकृति के बिना अनुपस्थित शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों का विवरण तथा की गई कार्यवाही का भी उल्लेख करना होगा।
निरीक्षण टीमों में ये अधिकारी होंगे शामिल
निदेशालय स्तर के अधिकारियों के अलवा मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, मंलीय उप शिक्षा निदेशक, जिला विद्यालय निरीक्षक आदि