‘अध्यक्षीय इंजनों के बीच डबल इंजन टकराहट’
लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अब भाजपा में दो और ‘अध्यक्षीय इंजनों’ के बीच ‘डबल इंजन टकराहट 2.0’ का नया वर्जन आ गया है। ये तो होना ही था, क्योंकि 7 बार के, उम्र में भी बड़े सांसद को 5 बार के विधायक के सामने निम्नतर पद देकर एक तरह से अपमानित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमें पता है कि भाजपा नए प्रदेश अध्यक्ष को दिल्ली का पद क्यों नहीं मिला और कभी मिलेगा भी नहीं। उनकी खीझ का कारण उचित है, लेकिन जब तक वो स्वयं इस भेदकारी भाजपाई सोच से बाहर नहीं आएंगे न अपना भला कर पाएंगे, न अपने समाज का।
अब उनको ठानना होगा कि जब कुर्सी पर बैठ सकते हैं तो स्टूल पर क्यों बैठा जाए। उनका भी भविष्य उन्हीं के जैसा होगा, जिनका इस्तेमाल सत्ता तक पहुंचने के लिए भाजपा ने पहले किया था और जो आज तक प्रतीक्षारत हैं। वर्चस्ववादी भाजपाई छत पर चढ़ाकर सीढ़ी हटा लेने या कुएं में उतारकर रस्सी खींचलेने वाले लोग हैं, क्योंकि सब जानते हैं कि भाजपा जब अपनों की सगी नहीं है, तो जिन्हें राजनीतिक मजबूरीवश अपना मानती है, उनकी कितनी सगी होगी।
उन्होंने कहा कि आज भाजपा ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री, दो उपमुख्यमंत्री और अध्यक्ष के रूप में कई समाज के लोगों को तो बैठाया है, लेकिन उन्हें कोई भी महत्वपूर्ण पद नहीं दिया, जिन्होंने उन्हें तब से चंदा देना शुरू किया जब भाजपा का जन्म भी नहीं हुआ था। आज जीएसटी का मारा ये वणिक समाज भी अति उपेक्षित, हताश, अपमानित महसूस कर रहा है और भाजपा को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठा है।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में पिछली चार भर्तियों में 30 हजार से अधिक पीडीए पदों की लूट हुई है। उन्होंने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती 2019, बांदा कृषि विवि भर्ती 2021, लखीमपुर सहकारी बैंक भर्ती 2023 और राजस्व लेखपाल भर्ती 2025 में आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा ओबीसी के लिए संविधान द्वारा निश्चित 27 फीसदी आरक्षण में 1/3 आरक्षण को नकारकर अपना असली ‘संविधान-आरक्षण विरोधी’ चेहरा दिखा रही है। नए नवेले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सामने आएं और ओबीसी आरक्षण की हकमारी से बचाएं।
उन्होंने राजस्व विभाग लेखपाल भर्ती के लिए जारी विज्ञापन का विवरण देते हुए कहा कि कुल 7994 पद हैं। इसमें ओबीसी के लिए सिर्फ 1441 पद आरक्षित किए गए हैं। नियमत: 27 फीसदी आरक्षण के हिसाब से कुल 2158 पद ओबीसी के लिए आरक्षित होने चाहिए। भर्ती होने से पहले ओबीसी के 717 पद की ये लूट है। इसी भर्ती में ईडब्लूएस को 10 प्रतिशत के हिसाब से 792 पद दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में हुई सभी भर्तियों में पीडीए के पदों की लूट हुई है। इन सभी भर्तियों में चोरी पकड़े जाने के बाद सरकार ने तथाकथित कमेटी गठित की थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, केवल मीडिया मैनेजमेंट हुआ। उन्होंने कहा कि क्या ये पीडीए एंटी सरकार बताएगी कि वो आखिरकार कब तक ओबीसी, एसएसी, एसटी आरक्षण की लूट करेगी। आरक्षण मारने के नॉट फाउंड सुटेबल जैसे गैरकानूनी फार्मूले को अब कोर्ट में चुनौती देने का समय आ गया है।

