17 December 2025

यूपी के विश्वविद्यालयों में अभिभावक भी पढ़ सकेंगे भारतीय भाषा कोर्स

 

भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालयों में विशेष प्रयास किए जाएंगे। छात्र, शिक्षक, कर्मचारियों के साथ-साथ अभिभावकों व बाहरी व्यक्तियों को भी विभिन्न भारतीय भाषाओं की पढ़ाई का अवसर दिया जाएगा। छात्रों को इंसेंटिव मिलेगा और शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार में वेटेज दिया जाएगा।



सभी विश्वविद्यालयों में इसकी तैयारियां शुरू की जा रही हैं। जिससे लोगों को अपनी मातृभाषा के साथ आसानी से दूसरी क्षेत्रीय व अन्य भारतीय भाषाओं का ज्ञान हासिल करने का अवसर दिया जा सके। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की पहल पर सभी विश्वविद्यालय अपनी भाषा के साथ ही एक अन्य भारतीय भाषा सीखाने की व्यवस्था करने जा रहे हैं। भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची के अनुसार 22 अनुसूचित (शेड्यूल्ड) भाषाओं में से कोई एक भाषा सीखने के लिए छात्रों सहित अन्य लोगों को प्रेरित किया जाएगा। जिसमें पंजाबी, गुजराती, असमिया व बंगाली आदि भाषाएं शामिल हैं। भाषा के क्षमता संवर्द्धन कोर्स के रूप में इस पाठ्यक्रम को चलाया जाएगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में यह त्रिस्तरीय पाठ्यक्रम होगा। जिसमें बेसिक, इंटरमीडिएट व एडवांस्ड स्तर होगा। छात्रों को इसमें क्रेडिट हासिल करने की छूट होगी।


स्नातक, स्नातकोत्तर व पीएचडी स्तर पर इसके लिए कोर्स तैयार होंगे। स्नातक स्तर पर तीन माइनर कोर्स व क्रेडिट फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा। च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत छात्रों को एक संस्थान से दूसरे संस्थान में इसकी पढ़ाई और क्रेडिट ट्रांसफर की सुविधा भी होगी। छात्रों के लिए इंटरमीडिएट पास व 16 वर्ष की आयु सीमा पूरी करना जरूरी होगा। आईटीआई के छात्रों को आयु सीमा में छूट दी जाएगी। छात्र एक क्षेत्रीय व कोई दो भारतीय भाषाओं का ज्ञान ले सकेगा।

तैयार होंगे भाषा दूत,मनेगा भारतीय भाषा उत्सव

भारतीय भाषाओं की पढ़ाई के लिए संस्थान ट्रेनर तैयार करेंगे। यह ट्रेनर भाषा गुरु कहलाएंगे। वहीं यह पाठ्यक्रम पूरा करने वाले विद्यार्थियों व अन्य लोगों को भाषा दूत, भाषा मित्र, भाषा प्रेरक और लिपि गौरव आदि उपाधियां दी जाएंगी। वहीं हर साल 11 दिसंबर को भारतीय भाषा उत्सव मनाया जाएगा। अच्छा प्रदर्शन करने वालों को दीक्षांत समारोह व भारतीय भाषा उत्सव में सम्मानित किया जाएगा।